देवास। प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस श्री कृ.प.शा.स्ना. महाविद्यालय में उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश भोपाल के निर्देशानुसार प्राचार्य डॉ. एस.पी.एस राणा के संरक्षण मंे भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ की त्रैमासिक गतिविधियों के अंतर्गत राष्ट्रीय गणित विषय दिवस 22 दिसम्बर के उपलक्ष्य में गणित विषय में भारतीय ज्ञान परम्परा पर संगोेष्ठी तथा वैदिक गणित की प्रासंगिकता विषय पर व्याख्यान एवं राष्ट्रीय गणित दिवस की साप्ताहिक गतिविधि अंतर्गत श्रीनिवास रामानुजन के जीवन पर व्याख्यान का आयोजन विज्ञान भवन में रखा गया। इस अवसर पर भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोेष्ठ प्रभारी डॉ. ममता झाला, रश्मि ठाकुर एवं डॉ. जया गुरनानी ने मंच साझा किया। कार्यक्रम के आरंभ में सरस्वती वंदना की मधुर प्रस्तुति छात्रा कनक विश्वकर्मा नेे दी। राष्ट्रीय गणित दिवस की साप्ताहिक गतिविधियों के क्रम में डॉ. प्रीति मालवीय द्वारा गणित के जादूगर श्रीनिवास रामानुजन का सारगर्भित परिचय दिया। जिसमें उनके गणितज्ञ व्यक्तित्व को प्रमुखता से उकेरा गया। 33 वर्ष की अल्पायु मे श्री रामानुजन का गणित के क्षेत्र में दिया गया योगदान अतुलनीय एवं अविस्मरणीय है। उनके लिए गणित के क्षेत्र में खोज करना ईश्वर की खोज करने के समान रहा। उद्बोधन के उपरांत विद्यार्थियों से महान गणितज्ञ रामानुजन के जीवन से संबंधित प्रश्नों को पूछा गया। विद्यार्थियों के उत्साहवर्धन हेतु सही जवाब देने पर उन्हें पुरस्कृत भी किया गया। भारतीय ज्ञान परम्परा की त्रैमासिक गतिविधि के अंतर्गत डॉ. संजय बरोनिया द्वारा पीपीटी के माध्यम से गणित विषय की भारतीय ज्ञान परम्परा को क्रमबद्धता से समझाया गया । आर्यभट्ट, वराहमिहिर, ब्रह्मगुप्त, भास्कर प्रथम महावीर, भास्कर ़िद्वतीय, टी.ए.सरस्वती अम्मा एवं मानव कम्प्यूटर कहे जाने वाली गणितज्ञ शकुंतला देवी आदि के बारे में विद्यार्थियों को उपयोगी जानकारी दी गई। वैदिक गणित की प्रासांगिकता के संबंध में डॉ. शशि सोलंकी ने कहा कि वैदिक गणित वेदों से आता है, जिसका उल्लेख अथर्ववेद में मिलता हैं इस क्षेत्र में जगदगुरू शंकराचार्य, श्री भारती कृष्णतीर्थ जी का अमूल्य योगदान रहा है। वैदिक गणित पूरी तरह से तर्क पर आधारित है। भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ में आई वैदिक गणित की पुस्तकों की जानकारी भी प्रदान कर अध्ययन हेतु प्रेरित किया गया। आयोजन में डॉ. दीप्ति धवले, डॉ. जरीना, डॉ. प्रतिमा रायकवार, डॉ. मोनिका वैष्णव, प्रो निहारिका व्यास, डॉ. माया ठाकुर, प्रो. निधि नामदेव, प्रो नैना उपाध्याय की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन डॉ. संजयसिंह बरोनिया ने किया तथा आभार डॉ. आराधना डिकुना ने माना।
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