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300 से अधिक पटवारियों ने भरी हुंकार, अधिकारियों की तानाशाही का किया विरोध- अधिकारियों की मनमर्जी से चलाए जा रहे रात्रिकालीन कैम्प, 33 प्रतिशत महिला पटवारी हो रही परेशान- प्रांतीय पटवारी संघ के आव्हान पर कलेक्टर कार्यालय में सौंपा ज्ञापन

300 से अधिक पटवारियों ने भरी हुंकार, अधिकारियों की तानाशाही का किया विरोध
- अधिकारियों की मनमर्जी से चलाए जा रहे रात्रिकालीन कैम्प, 33 प्रतिशत महिला पटवारी हो रही परेशान
- प्रांतीय पटवारी संघ के आव्हान पर कलेक्टर कार्यालय में सौंपा ज्ञापन
देवास। 
प्रांतीय पटवारी संघ के बैनर तले देवास जिले के पटवारियों ने हुकांर भरते हुए अपनी विभिन्न मांगों को लेकर शुक्रवार को जमकर नारेबाजी करते हुए प्रांतीय सचिव धर्मेन्द्र चौबे के नेतृत्व में कलेक्टर कार्यालय में डिप्टी कलेक्टर संजीव सक्सेना को ज्ञापन सौंपते हुए अधिकारियों की तानाशाही का विरोध किया। जिलेभर के करीब 300 से अधिक पटवारी सर्किट हाऊस में एकत्रित हुए। जहां पटवारियों ने कार्य के दौरान आ रही अपनी समस्याओं से एक-दूसरे को अवगत कराते हुए अपने विचार रखे। तत्पश्चात आगामी रूपरेखा के बारे में चर्चा की गई। वहां से रैली के रूप में सभी पटवारी कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि तकनीकी त्रुटियों की वजह से फार्म रजिस्ट्री एवं ई-केव्हायसी कार्य में प्रगति अपेक्षानुरूप नही हो पा रही है। हम पटवारी पूर्णत: ईमानदारी से अपना कार्य करते है, लेकिन तकनीकी समस्याओं ने हमे थका दिया है। जैसे व्यक्ति का बायोमेट्रिक नही हो पाना जिसकी वजह से मोबाइल नंबर आधार में दर्ज नही होता। बिना मोबाईल के परिवार आईडी नही बनना, विवाद होने की स्थिति में परिमार्जन नही कर पाना, आधार बेस्ड ओटीपी नही आना, सिस्टम का स्लोल चलना आदि समस्याएं पैदा हो रही है। पूर्व में पटवारियों ने तकनीकी समस्या एवं नेटवर्क की समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन निराकरण करने बजाय अधिकारी कहते है कि तहसीलों में कार्य कैसे हो रहा है यह कहकर टाल देते है। शनिवार व रविवार के अवकाश के दिनों में भी पटवारियों से कार्य करवाया जाता है। साथ ही ट्रेनिंग, बैठक, कैम्प आयोजित किए जाते है, जिसका हम पूरजोर विरोध करते है। कई तहसीलों में रात्रिकालीन कैम्प अधिकारियों की मनमर्जी से चलाए जा रहे है। जिले मे 33 प्रतिशत महिला पटवारी है। उनकी सुरक्षा की दृष्टि से यह तानाशाही रवैय्ये पर रोक लगाई जाए। जिले के समस्त पटवारियो का वेतन हर माह की 1 तारीख को दिया जाए। स्वामित्व योजना का कार्य पूर्ण कर देने के बावजूद देवास जिले का प्रत्येक पटवारी इस कार्य हेतु 7500 रूपए मानदेय राशि के भुगतान के इंतजार है। जबकि अन्य जिलो में यह राशि पटवारियों को मिल चुकी है। कार्यालयीन समय निर्धारित किया जाए, ताकि उस निर्धारित समय के पूर्व और उसके बाद कार्य करने को हम बाध्य नहीं रहे आदि अन्य मांगें शामिल है। पटवारियों ने चेतावनी दी है कि उनकी मांगों को 3 दिवस में पूरा किया जाए। अन्यथा जिलेभर के पटवारी चरणबद्ध आंदोलन करने को मजबूर होंगे। ज्ञापन के दौरान मौके पर पहुंचे अधीक्षक भू-अभिलेख देवास सदीप सरवटे ने पटवारियों की समस्याओं को गंभीरता पूर्वक सुनते हुए शीघ्र ही निराकरण करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष दिलीप जाट, वरिष्ठ पठवारी सतीश उपाध्याय, सतीश शर्मा, किशोर चावरे, राधेश्याम सोनेर, गबूलाल बघेल, दिनेश कारपेनटर, राजेश राजोरिया, संजय व्यास, शंकरलाल पंड्या, नाहरसिह अटके, प्रदीप भंडारी, अर्जुन मुकाती, नेहा यादव, शब्दा पाराशर, सोनकच्छ तहसील अध्यक्ष ब्रजकिशोर पटेल, टोकखुर्द तहसील अध्यक्ष विनोद तवर, हाटपिपल्या तहसील अध्यक्ष कपिल चोधरी, बागली तहसील अध्यक्ष संजय पवार, उदयनगर तहसील अध्यक्ष पूनम चन्द देवडा, सतवास तहसील अध्यक्ष मोहन सिसोदिया, कन्नौद तहसील अध्यक्ष निर्मल जाट, खातेगाव तहसील अध्यक्ष ओमप्रकाश कर्मा, जीवन पटेल, स्वीकार जैन, सूरज चौधरी, सुमीत वाने, रामकृष्ण खरे, कपिल मेवाडा, जीवन पटेल, कपिल पटेल, अंकित परमार, जितेन्द्र परमार  सुदर्शन कजरे, अरूण यादव, सुचिता जामनिया, राकेश धाकड, आशीष सेम सहित  बड़ी संख्या में महिला, वरिष्ठ एवं कनिष्ठ पटवारी उपस्थित थे।


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