सनातन विचार मंच ने मनाया विजय दिवस। 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने भारत के सामने घुटने टेक कर समर्पण किया था, जो कि विश्व के इतिहास का शत्रु सेना द्वारा किया गया सबसे बड़ा समर्पण था। इस विजय दिवस की 50 वीं वर्षगांठ को स्वर्ण जयंती के रूप में पूरे देश के साथ देवास में सनातन विचार मंच एवं महिला पतंजलि योग समिति द्वारा सरस्वती ज्ञान पीठ विद्यालय में मनाया गया।
इस आयोजन में प्रमुख रूप से महेंद्र कुमार नागर, इंद्रपाल सिंह मलिक, अंसारी, सनातन विचार मंच के संस्थापक रविंद्र नाथ भारद्वाज, अध्यक्ष डा. केके धुत, उपाध्यक्ष अमरजीत सिंह खनूजा, विश्व स्तर के साहित्यकार कला गुरु राजकुमार चंदन, प्रेस क्लब अध्यक्ष अतुल बागलीकर, पूर्व महापौर रेखा वर्मा, पूर्व पार्षद मनीष सेन, पतंजलि के प्रदेश अधिकारी अनंत जोशी, सिख समाज के अध्यक्ष दीप सिंह जुनेजा, महिला पतंजलि योग समिति की जिलाध्यक्ष श्रीमती कमलेश भारद्वाज, मोहन लाल शर्मा एवं पूर्व पूर्व सैनिकों सहित शहर के प्रबुद्ध नागरिक गण एवं विद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुभारंभ 1971 में शहादत हुए वीर सैनिकों का स्मरण करते हुए नवीन नाहर ने कार्यक्रम की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, अतिथियों के प्रति शब्द सुमन से स्वागत किया। मुख्य वक्ता रविंद्र भारद्वाज ने 1971 में हुए भारत-पाक युद्ध की पृष्ठभूमि से लेकर विजय श्री के इतिहास का वर्णन करते हुए महत्वपूर्ण जानकारियों को व्यक्त किया और आपने कहा कि देश के लिए बलिदान हुए वीर सपूतों की शहादत के बारे में देश के हर नागरिक को जानकारी होना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ी में देश के प्रति समर्पित भाव एवं राष्ट्र भाव जागृत हो इस विजय दिवस को पूरे देश में दीपावली की तरह प्रकाश मान रूप में मनाना चाहिए। इस अवसर पर 1971 की लड़ाई में लड़े देवास के निवासी कैप्टन स्वर्गीय गुरुचरण सिंह खनूजा को सम्मान दिया गया। सनातन विचार मंच द्वारा इस सम्मान को उनके छोटे भाई अमरजीत सिंह खनूजा को देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में सी डी एस बिपिन रावत एवं उनके साथ अन्य 13 सैन्य अधिकारियों को श्रद्धांजलि देकर श्रद्धासुमन अर्पित किए। कार्यक्रम का संचालन चेतन उपाध्याय ने किया तथा आभार पी एन तिवारी ने माना।
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