अम्नो शान्ति की दुआओं के साथ संपन्न हुआ ऑल इन्डिया नातिया व मंक़बतिया मुशायरा
देवास बज़्मे परवाज़े क़लम के ज़ेरे एहतिमाम जि़क्रे इमाम हुसैन के तहत ऑल इंडिया नातिया व मनकबतिया मुशायरा नागोरी हाल आनन्द नगर मे मुनअकि़द किया गया जिसमे हिन्दुस्तान के मशहूर-ओ-मारूफ़ शोअरा ए किराम ने शिरकत की। इस बा-वक़ार महफि़ल की सदारत ऑल इन्डिया उलेमा मशाइख़ बोर्ड यूथ विंग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हजऱत हाफीज़ो क़ारी क़ाज़ी नौमान अहमद अशरफ़ी ने की। मेहमाने ख़ास में ख़लीफ़ाए शैखुल इस्लाम मुफ़्ती जऱीफ अहमद अशरफ़ी और हजऱत हाफिज़ो क़ारी इकऱार अहमद अशरफ़ी हाथीवाले मौजूद थे। पार्षद आबिद खान और डॉ रईस क़ुरैशी, परवेज़ विनर, फरीद शैख़ पत्रकार विशेष रूप से मौजूद थे। शुरुआत में सभी मेहमानों और शोअरा हजऱात का गुलपोशी कर इस्तक़बाल किया गया और मोमेन्टो देकर सम्मानित किया गया। मुशायरे की शुरूआत नातेपाक से हुई । इसके बाद नातो मनक़बत का दौर शुरू हुआ तो देर रात 3.30 बजे तक चलता रहा। मोईन खान मोईन साहब ने पढ़ा- साया था ज़ुल्मतों का बशर की जबीन पर, इक नूर आसमान से उतरा ज़मीन पर। जय प्रकाश जय साहब ने कहा- पेहले तो रब की ज़ात होती है, फिर कहीं कायनात होती है। डॉ शरीफ़ जमाल ने कहा-तुम्ही से बाक़ी है अब तक सदाऐ इल्लल्लाह, हुसैन आप हैं इस्लाम की बक़ा वाले। मुशायरे में हुसैन अहमद शान उज्जैन , मन्नान फऱाज़ जबलपुर , हनीफ राही शाजापुर , इमरान फैज़ नागपुर , डॉ रफीक़ नागोरी, मोईन अख़तर , शमशाद जख़़मी और दिगर शोअरा ने ऐक से बढ़कर एक कलाम पेश किऐ। वहीं देवास के शायर अकबर देवासी , सलीस देवासी आरिफ वारसी और गुलरेज़ अली गुलरेज़ ने भी ख़ूब दाद बटोरी। मुशायरे की निज़ामत देवास के शायर शादाब अशरफ़ी ने की। सलातो सलाम व फातेहा ख़ानी के बाद मुल्क की तरक्की व अम्नो शान्ति की दुआ के साथ मुशायरे का समापन हुआ।
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