आजादी के अमृत महोत्सव का समापन समारोह संपन्न
देवास। श्री कृष्णाजीराव पवार शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय देवास में भारत में 12 मार्च 2021 से प्रारंभ हुए आजादी के अमृत महोत्सव के समापन कार्यक्रम का गरिमामय आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य एवं प्रसिद्व इतिहासवेत्ता डॉ.एस.एल. वरे, महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष मनीष पारीक, सांसद प्रतिनिधि नयन कानूनगो, जनभागीदारी समिति के सदस्य संजय शुक्ला, गुलशन सिंह राठौर, विजय बाथम, मीना भवालकर की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का प्रारंभ अतिथियों के द्वारा वीणावादिनी माँ सरस्वती एवं भारत माता के चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया। माँ भारती की आराधना महाविद्यालय के छात्र मोहन राठौर एवं सरस्वती वंदना छात्रा निकिता मारू द्वारा की गई। सरस्वती वंदना के पश्चात् माँ भारती की आरती महाविद्यालय के छात्र धीरज साहा एवं विजय ज्योति एकेडमी के विद्यार्थियों के साथ ही महाविद्यालय में उपस्थित समस्त नागरिकों द्वारा की गई।तत्पश्चात् डॉ.एस.एल.वरे का सम्मान जनभागीदारी समिति अध्यक्ष, सदस्यों एवं महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.रतनसिंह अनारे द्वारा किया गया। साथ ही भारत माता की आरती प्रस्तुत करने वाले विजय ज्योति एकेडमी के प्रत्येक विद्यार्थी का सम्मान भी जनभागीदारी समिति द्वारा किया गया। महाविद्यालय की होनहार प्रतिभाओं द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रस्तुतिकरण किया गया। सर्वप्रथम निकिता मारू द्वारा देशभक्ति गीत ऐ मेरे वतन के लोगों... प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बी.ए.प्रथम वर्ष की छात्रा उदिता चौधरी द्वारा देशभक्ति एवं सामाजिक रंगों से सराबोर कविताओं को प्रस्तुतिकरण किया। कविता पाठ के पश्चात् महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना के समूह द्वारा देशभक्ति पूर्ण नाट्य प्रस्तुति दी गई। इस नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से वर्ष 1929 की समस्त घटनाओं को बहुत ही मार्मिकता और भावुकता के साथ रखा गया। प्रतिभाशाली छात्र मोहन राठौर द्वारा बहुत ही अलग और प्रभावशाली अंदाज मेें देशभक्ति और तिरंगे पर सुनाई गई कविता ‘शब्द ब्रह्म का आराधक हूँ, लेखनी मेरी पहचान है, तीन रंग में रंगा तिरंगा मेरे देश की शान है ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उभरते हुए कवि एवं महाविद्यालय के प्रतिभाशाली छात्र धीरज साहा ने भी देशभक्ति को लेकर कविता के माध्यम से कहा कि, आजादी की चकाचौंध में मत भूलो अंधियारे को, साल पचहत्तर बीत गए हैं, माता के बंटवारे को, वंदे मातरम, वंदे मातरम। इसी कड़ी में छात्र अर्चित अग्रवाल एवं निकिता मारू ने जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा गीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ.एस.एल. वरे ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव का प्रारंभ महाविद्यालय में मेरे समय में हुआ था और आज समापन में भी मैं उपस्थित हूॅं। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 बरस में देश ने बहुत तरक्की की है। इस तरक्की और विकास में नये आयाम इस आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के पिछले बीते लगभग 73 सप्ताह में जुडे हैं। इन बीते हफ्तों में देश में लगभग 250 विशाल कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिनमें अनेक नई ट्रेनों, नए स्टेशनों, नई सड़कों और अनेक जन विकास के काम हुए हैं। आज देश 75 वर्षों में जिन बुलंदियों पर पहुंचा है, उससे दुगुने समय भी अगर किसी अन्य देश को दे दिए जाएं, तो यहां तक पहुंचना बहुत ही मुश्किल है। इन सबके लिए दूरदृष्टि और विकास का नजरिया बेहद महत्वपूर्ण है। डॉ.वरे ने इस माह में अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित होने वाले व्याख्यान ‘स्वाधीन भारत के नागरिक का कर्तव्यबोध‘ विषय पर कहा कि, अब प्रत्येक नागरिक कर्तव्य अपने देश के प्रति और अधिक हो गया है। उन्हें अब एक सामान्य नागरिक बोध से ऊपर उठकर नया आयाम स्थापित करने की आवश्यकता है।
जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष श्री मनीष पारीक ने कहा कि, पूर्व के वर्षों में जहां अखण्ड भारत की कल्पना और उत्सव को मनाना भी अपराध माना जाता था, वहां आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, इससे देश की उन्नति और दूरदर्शिता को आंका जा सकता है। आज इस समापन कार्यक्रम में भारत माता की आरती की गई, उस आरती ने कई वर्षों पूर्व अखण्ड भारत के उत्सव पर पुलिस, प्रशासन द्वारा दिए गए दर्द को शांति प्राप्त हुई है। आजादी के अमृत महोत्सव को इस तरह से संपूर्ण देश में मनाना हर देशवासियों के लिए गर्व और सम्मान की बात है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आर.एस.अनारे ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव पर अब हमें पूरे विश्व के लिए एक मानक तय करने की आवश्यकता है, और ऐसा मानक तय हो कि जिसे किसी भी देश को ध्वस्त करने में पसीने आ जाएं। इसी विविधता और ज्ञान के कारण ही भारत दुनिया में अनोखा और अलग है।
इस अवसर पर नगर निगम देवास से आये स्वच्छता प्रभारी श्री अरूण तोमर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी द्वारा स्वच्छता कार्यक्रमों का हवाला देते हुए कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण में देश के प्रत्येक नागरिक को हिस्सेदार होना चाहिए। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति को मोबाइल पर स्वच्छता सर्वेक्षण सर्वे प्रारंभ करवाकर इस पुनीत कार्य का हिस्सेदार बनाया।
अंत में महाविद्यालय के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को ‘‘प्रतिभा सम्मान समारोह‘‘ के तहत सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय सेवा योजना की विभिन्न गतिविधियों में शामिल एवं अनेक स्तरों पर सम्मानित आदर्श जाधव, आशीष पांचाल, अंजलि लोधी, शैली, निखिल मालवीय, विनोद राठौर, प्रमोद नरवरिया, विकास सोलंकी, निशा कुशवाह आदि को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के डॉ.बी.एस. जाधव, डॉ.एस.पी.एस. राणा, डॉ. आर.के. मराठा, डॉ.रश्मि ठाकुर, डॉ.विद्या माहेश्वरी, डॉ. दीप्ति ढवले, डॉ. आरती वाजपेयी, डॉ.मधुकर ठोमरे, डॉ. मनोज सोनगरा, डॉ. सत्यम् सोनी, डॉ.संजय गाडगे, डॉ.लता धुपकरिया, डॉ.राकेश कोटिया, डॉ.नुसरत सुल्ताना, नीरज जैन, संग्राम सिंह साठे, डॉ.मोनिका वैश्णव, डॉ.कैलाश यादव, डॉ.श्यामसुन्दर चौधरी, डॉ.ओ.पी. शर्मा, डॉ.टीना धारीवाल, प्रो.निधि नामदेव, प्रो.नैना उपाध्याय, प्रो.सचिन दास, प्रो. जितेन्द्रसिंह राजपूत आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ.ममता झाला एवं आभार डॉ.संजय गाडगे ने किया।
देवास। श्री कृष्णाजीराव पवार शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय देवास में भारत में 12 मार्च 2021 से प्रारंभ हुए आजादी के अमृत महोत्सव के समापन कार्यक्रम का गरिमामय आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य एवं प्रसिद्व इतिहासवेत्ता डॉ.एस.एल. वरे, महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष मनीष पारीक, सांसद प्रतिनिधि नयन कानूनगो, जनभागीदारी समिति के सदस्य संजय शुक्ला, गुलशन सिंह राठौर, विजय बाथम, मीना भवालकर की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का प्रारंभ अतिथियों के द्वारा वीणावादिनी माँ सरस्वती एवं भारत माता के चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया। माँ भारती की आराधना महाविद्यालय के छात्र मोहन राठौर एवं सरस्वती वंदना छात्रा निकिता मारू द्वारा की गई। सरस्वती वंदना के पश्चात् माँ भारती की आरती महाविद्यालय के छात्र धीरज साहा एवं विजय ज्योति एकेडमी के विद्यार्थियों के साथ ही महाविद्यालय में उपस्थित समस्त नागरिकों द्वारा की गई।तत्पश्चात् डॉ.एस.एल.वरे का सम्मान जनभागीदारी समिति अध्यक्ष, सदस्यों एवं महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.रतनसिंह अनारे द्वारा किया गया। साथ ही भारत माता की आरती प्रस्तुत करने वाले विजय ज्योति एकेडमी के प्रत्येक विद्यार्थी का सम्मान भी जनभागीदारी समिति द्वारा किया गया। महाविद्यालय की होनहार प्रतिभाओं द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रस्तुतिकरण किया गया। सर्वप्रथम निकिता मारू द्वारा देशभक्ति गीत ऐ मेरे वतन के लोगों... प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बी.ए.प्रथम वर्ष की छात्रा उदिता चौधरी द्वारा देशभक्ति एवं सामाजिक रंगों से सराबोर कविताओं को प्रस्तुतिकरण किया। कविता पाठ के पश्चात् महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना के समूह द्वारा देशभक्ति पूर्ण नाट्य प्रस्तुति दी गई। इस नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से वर्ष 1929 की समस्त घटनाओं को बहुत ही मार्मिकता और भावुकता के साथ रखा गया। प्रतिभाशाली छात्र मोहन राठौर द्वारा बहुत ही अलग और प्रभावशाली अंदाज मेें देशभक्ति और तिरंगे पर सुनाई गई कविता ‘शब्द ब्रह्म का आराधक हूँ, लेखनी मेरी पहचान है, तीन रंग में रंगा तिरंगा मेरे देश की शान है ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उभरते हुए कवि एवं महाविद्यालय के प्रतिभाशाली छात्र धीरज साहा ने भी देशभक्ति को लेकर कविता के माध्यम से कहा कि, आजादी की चकाचौंध में मत भूलो अंधियारे को, साल पचहत्तर बीत गए हैं, माता के बंटवारे को, वंदे मातरम, वंदे मातरम। इसी कड़ी में छात्र अर्चित अग्रवाल एवं निकिता मारू ने जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा गीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ.एस.एल. वरे ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव का प्रारंभ महाविद्यालय में मेरे समय में हुआ था और आज समापन में भी मैं उपस्थित हूॅं। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 बरस में देश ने बहुत तरक्की की है। इस तरक्की और विकास में नये आयाम इस आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के पिछले बीते लगभग 73 सप्ताह में जुडे हैं। इन बीते हफ्तों में देश में लगभग 250 विशाल कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिनमें अनेक नई ट्रेनों, नए स्टेशनों, नई सड़कों और अनेक जन विकास के काम हुए हैं। आज देश 75 वर्षों में जिन बुलंदियों पर पहुंचा है, उससे दुगुने समय भी अगर किसी अन्य देश को दे दिए जाएं, तो यहां तक पहुंचना बहुत ही मुश्किल है। इन सबके लिए दूरदृष्टि और विकास का नजरिया बेहद महत्वपूर्ण है। डॉ.वरे ने इस माह में अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित होने वाले व्याख्यान ‘स्वाधीन भारत के नागरिक का कर्तव्यबोध‘ विषय पर कहा कि, अब प्रत्येक नागरिक कर्तव्य अपने देश के प्रति और अधिक हो गया है। उन्हें अब एक सामान्य नागरिक बोध से ऊपर उठकर नया आयाम स्थापित करने की आवश्यकता है।
जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष श्री मनीष पारीक ने कहा कि, पूर्व के वर्षों में जहां अखण्ड भारत की कल्पना और उत्सव को मनाना भी अपराध माना जाता था, वहां आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, इससे देश की उन्नति और दूरदर्शिता को आंका जा सकता है। आज इस समापन कार्यक्रम में भारत माता की आरती की गई, उस आरती ने कई वर्षों पूर्व अखण्ड भारत के उत्सव पर पुलिस, प्रशासन द्वारा दिए गए दर्द को शांति प्राप्त हुई है। आजादी के अमृत महोत्सव को इस तरह से संपूर्ण देश में मनाना हर देशवासियों के लिए गर्व और सम्मान की बात है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आर.एस.अनारे ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव पर अब हमें पूरे विश्व के लिए एक मानक तय करने की आवश्यकता है, और ऐसा मानक तय हो कि जिसे किसी भी देश को ध्वस्त करने में पसीने आ जाएं। इसी विविधता और ज्ञान के कारण ही भारत दुनिया में अनोखा और अलग है।
इस अवसर पर नगर निगम देवास से आये स्वच्छता प्रभारी श्री अरूण तोमर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी द्वारा स्वच्छता कार्यक्रमों का हवाला देते हुए कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण में देश के प्रत्येक नागरिक को हिस्सेदार होना चाहिए। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति को मोबाइल पर स्वच्छता सर्वेक्षण सर्वे प्रारंभ करवाकर इस पुनीत कार्य का हिस्सेदार बनाया।
अंत में महाविद्यालय के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को ‘‘प्रतिभा सम्मान समारोह‘‘ के तहत सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय सेवा योजना की विभिन्न गतिविधियों में शामिल एवं अनेक स्तरों पर सम्मानित आदर्श जाधव, आशीष पांचाल, अंजलि लोधी, शैली, निखिल मालवीय, विनोद राठौर, प्रमोद नरवरिया, विकास सोलंकी, निशा कुशवाह आदि को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के डॉ.बी.एस. जाधव, डॉ.एस.पी.एस. राणा, डॉ. आर.के. मराठा, डॉ.रश्मि ठाकुर, डॉ.विद्या माहेश्वरी, डॉ. दीप्ति ढवले, डॉ. आरती वाजपेयी, डॉ.मधुकर ठोमरे, डॉ. मनोज सोनगरा, डॉ. सत्यम् सोनी, डॉ.संजय गाडगे, डॉ.लता धुपकरिया, डॉ.राकेश कोटिया, डॉ.नुसरत सुल्ताना, नीरज जैन, संग्राम सिंह साठे, डॉ.मोनिका वैश्णव, डॉ.कैलाश यादव, डॉ.श्यामसुन्दर चौधरी, डॉ.ओ.पी. शर्मा, डॉ.टीना धारीवाल, प्रो.निधि नामदेव, प्रो.नैना उपाध्याय, प्रो.सचिन दास, प्रो. जितेन्द्रसिंह राजपूत आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ.ममता झाला एवं आभार डॉ.संजय गाडगे ने किया।
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