मैं केवल देह नहीं हूं, मैं जल जंगल जमीन का पुस्तैनी दावेदार हूं,,
देवास। महान आदिवासी क्रांतिकारी, क्रांतिसूर्य, महामानव,धरती आबा, जल जंगल जमीन के सच्चे वाहक, अदम्य साहस के प्रतीक जननायक स्वतंत्रता सेनानी,भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर जयस बिरसा ब्रिगेड टीम देवास द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई,अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर महामानव को पुष्प स्वरूप श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए तत्पश्चात अतिथियों द्वारा भगवान बिरसा मुंडा के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला गया । मोहनलाल रावत ने कहा कि अल्पायु में समाज जल जंगल जमीन तथा राष्ट्र के खातिर अपने प्राण न्यौछावर करने वाले बिरसा मुंडा केवल व्यक्ति नहीं बल्कि वैचारिक विश्वविद्यालय है, उन्हें पढ़ना समझना एक जन्म में संभव नहीं है। राकेश देवडे बिरसावादी ने कहा कि मात्र 12 वर्ष की आयु में बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों से कहा था मैं केवल देह नहीं हूं, मैं जल जंगल जमीन का पुस्तैनी दावेदार हूं ,पुस्ते और दावे कभी मरते नहीं है और मैं भी मरने वाला नहीं हूं। मुझे कोई जंगल से बेदखल नहीं कर सकता है और ना मुझे कोई मार सकता है।तुम्हारे तोप ना तुम्हारी जेल ना तुम्हारी जंजीर।
अंत में मौनधारण कर श्रद्धांजलि सभा का समापन किया गया । इस अवसर पर मध्यप्रदेश विद्युत विभाग के प्रदेश सचिव ए.पी पारस ,सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक मोहनलाल रावत , प्रीतम बामनिया ,अनिल बरला, एससी एसटी माइनॉरिटी कर्मचारी कल्याण एसोसिएशन बैंक नोट प्रेस देवास के महासचिव मनीष वर्मा , संयुक्त सचिव हरिसिंह जाटव , विनय निकुंज , शुभम मुर्मू ,पाल सिंह अलावे, विभा बामनिया , सार्थक डोडवे एवं भारी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन राकेश देवड़े बिरसावादी एवं आभार मनीष वर्मा ने व्यक्त किया।
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