ईद-उल-अजहा का त्योहार
हर्षोल्लास और भाईचारे के साथ मनाया गया
देवास: देशभर के साथ-साथ देवास जिले एवं शहर में भी ईद-उल-अजहा का त्योहार हर्षोल्लास और भाईचारे के साथ मनाया गया । ईद-उल-अजहा, जिसे बकरीद, ईद-उल-जुहा के नाम से भी जाना जाता है, बड़े हर्षोल्लास और भाईचारे के साथ मनाया गया । यह त्योहार हजरत इब्राहिम और हजरत इस्माइल की कुर्बानी की याद दिलाता है,जो त्याग, बलिदान और अल्लाह से मोहब्बत की मिसाल है। देवास शहर की विभिन्न मस्जिदों के साथ-साथ शाही ईदगाह सीनियर में काजी नोमान अहमद अशरफी साहब ने एवं जूनियर में काजी अबुल कलाम अहमद साहब चीफ शहर काजी देवास जूनियर ने प्रातः 9:30 एवं 9:15 बजे ईद की विशेष नमाज अदा कराई ईदगाहो में हजारों की संख्या में लोग नमाज के लिए एकत्र हुए और देश में अमन,चैन,
भाईचारा और अच्छी बारिश की दुआ मांगी। जिसमें कुर्बानी खुले में न करने, गंदगी को सड़क पर न डालने की अपील भी की गई, शाही ईदगाह राधागंज में ईदुल अज़हा के मुबारक अवसर पर ईद की विशेष नमाज शहर सीनियर काजी मौलाना इरफ़ान अहमद अशरफी साहब की सरपरस्ती में काजी नोमान अहमद अशरफी साहब ने ईद की नमाज अदा कराई अपनी तकरीर में काजी नोमान अहमद अशरफी साहब ने कहा कि कुर्बानी का मकसद अल्लाह की राह में अपनी सबसे मेहबूब चीज़ कुर्बान करने का नाम है ईदुल अज़हा ।और हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने भी यही किया उन्होंने अपने सबसे महबूब चीज अपने बेटे हजरत इस्माइल को अल्लाह की राह में कुर्बान कर दिया काजी नोमान ने कहा कि ईदुल अज़हा हमें ये पैगाम देती हैं कि मोहब्बत ही बाटी जाए उन्होंने ईद के मौके पर पौधे लगाने पर भी जोर दिया । तकरीर के बाद नमाज अदा की गई नमाज के बाद दुआ हुई देश की सलामती ओर अमन चैन के लिए हजारों हाथ उठे दुआ के बाद सभी ने एक दूसरे को गले लगा कर मुबारकबाद दी ,पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए। राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों ने ईदगाह पहुंचकर काजी साहिबान और मुस्लिम जन को गले मिलकर मुबारकबाद दी !

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