जो संशय से भरा हुआ है उसको मुक्ति नहीं मिल सकती... सद्गुरु मंगल नाम साहेब
देवास। संसार में सब मोह निशा में सोए हुए हैं। सब भ्रम में पड़े हुए हैं। संसार में सुखी रहने के तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं। एक उपाय नहीं तो दूसरा उपाय कर कर थक गए है। लेकिन इनके द्वारा किए जा रहे उपाय में संदेह और संशय भरा हुआ है। कोई हाथ से कर्म करने पर विश्वास तो कोई पैरों पर चलने पर विश्वास रखते हैं। कि यहां नहीं मिलेगा तो वहां मिलेगा। इसलिए संसार में भटक रहे हैं। लेकिन परमात्मा सब जगह मौजूद है। तुम ठहर तो जाओ।सुरगुरु ही परमात्मा है, जो सबकी सांसों में बह रहा है। वह सब जगह मौजूद है। लेकिन जो संदेह से भरा हुआ है। उसको मुक्ति नहीं मिल सकती। यह विचार सद्गुरु मंगलनाम साहेब ने सद्गुरु कबीर सर्वहारा प्रार्थना स्थलीय सेवा समिति मंगल मार्ग टेकरी द्वारा आयोजित गुरु शिष्य चर्चा, गुरुवाणी पाठ में व्यक्त किए। उन्होंने आगे कहा कि जो कॉल, क्रूर रूपी पूंजी को इकट्ठा करते हैं। उसको संदेह हो ही जाता है। लेकिन दया, प्रेम, विश्वास जिसके अंदर जागृत हैं उसको संदेश नहीं हो सकता। जो अपने गुरु पर दृढ़ विस्वास करता है की जो गुरु ने कहा वही सत्य है। वही संदेह से मुक्त है। जो संदेह से भरा हुआ है, उसमें से संदेह ही उभरेगा। लोग पूंजी को सुख सुविधाओं और मुसीबत के लिए ही खट्टी कर रहे हैं। की मुसीबत में पूंजी काम आएगी। लेकिन वह पूंजी ही मुसीबत बन जाती है। अगर आदमी ने काम खोटा किया है, तो खोटा ही होगा संसार में सभी की हिस्सेदारी है। अगर पाप किया तो पाप की और पुण्य किया तो पुण्य की हिस्ट्री होनी है लेकिन जैसे कपड़े पर लगे दाग जब तक कपड़े नहीं धुलते तब तक नहीं निकलते वैसे ही जब तक मनुष्य सद्गुरु की शरण में नहीं जाता तब तक उसका मन निर्मल नहीं हो सकता। सतगुरु की शरण में जाने से संसार के सारे भरम मिट जाते हैं। इस दौरान साध संगत द्वारा मंगल नाम साहेब को नारियल भेंट कर आशीर्वचन लिए। यह जानकारी सेवक वीरेंद्र चौहान ने दी।

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