शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में बच्चों को नशीली दवाओं और मादक द्रव्यों के सेवन से बचाने के लिये ‘’प्रहरी क्लब’’ का गठन करें - सदस्य डॉ. श्रीवास्तव
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स्कूलों में शिकायत पेटी लगाने एवं चाईल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 चस्पा करने के दिये निर्देश
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बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. श्रीवास्तव ने ली बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्यों एवं विभागीय अधिकारियों की बैठक
देवास, 16 जुलाई 2025 [शकील कादरी] मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य व उज्जैन संभाग प्रभारी डॉ. निशा श्रीवास्तव ने कलेक्टर कार्यालय सभाकक्ष में बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्यों एवं विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर बाल अधिकार संरक्षण के लिए किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की। बैठक में महिला बाल विकास अधिकारी श्री एस.ए. सिद्धिकी, जिला शिक्षा अधिकारी श्री एच.एस. भारती, डीपीसी श्री अजय मिश्रा, प्रभारी विशेष किशोर इकाई, जिला संयोजक आदिम जाति विभाग, श्रम विभाग, सदस्य किशोर न्याय बोर्ड एवं अन्य संबंधित उपस्थित थे।
बैठक में बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. निशा श्रीवास्तव ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिये कि सभी शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में बच्चों को नशीली दवाओं और मादक द्रव्यों के सेवन से बचाने के लिये प्रहरी क्लब (नशा विरोधी अभियान क्लब) का गठन करें। स्कूलों के आस-पास नशीली दवाओं और मादक द्रव्यों विक्रय नहीं होना चाहिए। स्कूलों में बाल सभा का आयोजन होना चाहिए, जिसमें विभिन्न विषय जैसे स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा आदि शामिल रहें। स्कूल के पुस्तकालय में बच्चों के लिए प्रेणादायी पुस्कतें उपलब्ध करायें।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. निशा श्रीवास्तव ने कहा कि स्कूलों अनिवार्य रूप से शिकायत पेटी लगाये। इसके लिए स्कूलों में समिति का गठन भी करें। जो शिकायत पेटी नियत समय पर खोले और बच्चों की शिकायतों का निरकारण करें, स्कूलों में अग्निशमन यंत्र अनिवार्य रूप से लगे होना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिये कि स्कूलों की मान्यता होनी चाहिए, बिना मान्यता के स्कूल संचालित नहीं होना चाहिए। बसों की फिटनेस की जांच होनी चाहिए। स्कूल बसों पर ड्राईवर और कंडक्टर का नाम, मोबाईल नम्बर आदि जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने स्कूलों शिक्षकों के दस्तावेंजों की फाईल होनी चाहिए। उन्होंने स्कूलों में सूचना पटल पर चाईल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 लिखवाने सहित अन्य निर्देश भी दिये।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. निशा श्रीवास्तव ने कहा कि स्कूलों में बच्चों के लिए जागरूकता संबंधी कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाये। स्कूलों बच्चों को दंड देना अपराध है, बच्चों के साथ सरल व्यवहार किया जाये। उन्होंने कहा कि बच्चों को परीक्षा में बैठना आवश्यक है, यदि कोई समस्या आती है तो अभिभावकों से समन्वय कर समस्या का समाधान करें। साथ ही यह भी ध्यान रखे की बच्चा परीक्षा से वंचित नहीं रहे। बच्चों के भविष्य के लिए स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाये, इसका विशेष ध्यान रखा जाये। स्कूलों में मुख्य स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगे होना चाहिए, न की अनावश्यक स्थानों पर।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. निशा श्रीवास्तव ने कहा कि स्कूलों में बच्चों को पुस्तकों के ज्ञान के साथ-साथ व्यवहारी ज्ञान, खेल एवं पाठ्येतर गतिविधियों पर भी विशेष ध्यान दिया जाये। स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षा गुणवत्तापूर्ण होनी चाहिए, बच्चा कुछ सीखता है तो उसे वह भविष्य में काम आना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्कूलों में चिकित्सकों के माध्यम से प्रतिवर्ष एड्स जागरूकता संबंधी कार्यशाला आयोजित करें। स्कूलों में बच्चों की काउंसलिंग के अलग से कक्ष बनाये, जिससे बच्चें अच्छे से अपनी बात रख सकें।
उन्होंने कहा आंगनवाड़ी केन्द्रों में मिलने वाला भोजन शुद्ध एवं पोष्टिकहोना चाहिए। आंगनवाड़ी केन्द्रों में एक्सपाइरी दवाईयां नहीं होनी चाहिए। आंगनवाड़ी केन्द्रों पर स्वच्छता बनाये रखें। महिला एवं बाल विकास अधिकारी को नियमित रूप से आंगनवाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण करने के निर्देश भी दिये। उन्होंने बाल विवाह की रोकथाम के लिए नवाचार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि भिक्षावृत्ति रोकने के लिए जनजागृति अभियान चलाये। जिससे भिक्षावृत्ति पर अंकुश लगे।
इस दौरान उन्होंने उपस्थित सदस्यों व जिला अधिकारियों से चर्चा कर उनकी समस्याएं जानी। इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित सभी अधिकारियों से कहा कि सभी आपसी समन्वय से कार्य करें। किसी भी प्रकार की समस्या आने पर इसकी जानकारी दें।
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