युवा गीतकार चेतन जोशी को विकम विश्वविद्यालय उज्जैन में मिला काव्य दीप सम्मान
देवास। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में कवि सम्मेलन की चौथी पीढ़ी के चर्चित गीतकार और छंदकार चेतन जोशी चेतन को काव्य दीप सम्मान से नवाज़ा गया। यह सम्मान वरिष्ठ कवि डॉ. कुंवर बेचैन की जन्म जयंती के अवसर पर आयोजित एक गरिमामय साहित्यिक समारोह में प्रदान किया। यह समारोह मातृभाषा उन्नयन संस्थान एवं डॉ. कुंवर बेचैन स्मृति न्यास ऑस्ट्रेलिया के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया, जिसमें देशभर से साहित्यकारों ने भाग लिया। सम्मान समारोह में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. अर्पण भारद्वाज, कुलानुशासक डॉ. शैलेन्द्र शर्मा, मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन 'अविचल', मालवी गीतकार डॉ. राजेश रावल सुशील' अधिवक्ता आनंद यादव आदि विशिष्ट जनों की उपस्थिति रही। चेतन जोशी ने सम्मान प्राप्ति के पश्चात कहा - यह केवल मेरे गीतों और छंदों का सम्मान नहीं है, बल्कि यह शब्दों और मातृभाषा की सेवा का उत्तरदायित्व है जो मुझे सौंपा गया है। मैं मातृभाषा उन्नयन संस्थान, डॉ. कुंवर बेचैन स्मृति न्यास ऑस्ट्रेलिया एवं विक्रम विश्वविद्यालय परिवार का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। यह सम्मान विक्रम विश्वविद्यालय की शलाका दीर्घा में आयोजित भव्य समारोह में प्रदान किया गया, जिसमें साहित्य और संस्कृति प्रेमियों की बड़ी संख्या में उपस्थिति थे।
देवास। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में कवि सम्मेलन की चौथी पीढ़ी के चर्चित गीतकार और छंदकार चेतन जोशी चेतन को काव्य दीप सम्मान से नवाज़ा गया। यह सम्मान वरिष्ठ कवि डॉ. कुंवर बेचैन की जन्म जयंती के अवसर पर आयोजित एक गरिमामय साहित्यिक समारोह में प्रदान किया। यह समारोह मातृभाषा उन्नयन संस्थान एवं डॉ. कुंवर बेचैन स्मृति न्यास ऑस्ट्रेलिया के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया, जिसमें देशभर से साहित्यकारों ने भाग लिया। सम्मान समारोह में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. अर्पण भारद्वाज, कुलानुशासक डॉ. शैलेन्द्र शर्मा, मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन 'अविचल', मालवी गीतकार डॉ. राजेश रावल सुशील' अधिवक्ता आनंद यादव आदि विशिष्ट जनों की उपस्थिति रही। चेतन जोशी ने सम्मान प्राप्ति के पश्चात कहा - यह केवल मेरे गीतों और छंदों का सम्मान नहीं है, बल्कि यह शब्दों और मातृभाषा की सेवा का उत्तरदायित्व है जो मुझे सौंपा गया है। मैं मातृभाषा उन्नयन संस्थान, डॉ. कुंवर बेचैन स्मृति न्यास ऑस्ट्रेलिया एवं विक्रम विश्वविद्यालय परिवार का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। यह सम्मान विक्रम विश्वविद्यालय की शलाका दीर्घा में आयोजित भव्य समारोह में प्रदान किया गया, जिसमें साहित्य और संस्कृति प्रेमियों की बड़ी संख्या में उपस्थिति थे।
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