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देवास जिला चिकित्सालय में विश्व स्तनपान सप्ताह में परामर्श सत्रों एवं जागरूकता गतिविधियों का आयोजन,,,मां का दूध अमृत के समान, यह नवजात शिशु को दिया जाने वाला पहले टीकाः सीएमएचओ डॉक्टर बेक

देवास जिला चिकित्सालय में विश्व स्तनपान सप्ताह में परामर्श सत्रों एवं जागरूकता गतिविधियों का आयोजन

मां का दूध अमृत के समान, यह नवजात शिशु को दिया जाने वाला पहले टीकाः सीएमएचओ डॉक्टर बेक 
    
देवास :मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सरोजनी जेम्स बेक ने बताया कि विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान जिले कि स्वास्थ्य संस्थाओं चिकित्सक, स्टॉफ द्वारा गर्भवती महिलाओं को स्तनपान से होने वाले लाभ के संबंध में जानकारी प्रदान की जा रही है। सप्ताह के दौरान सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में स्तनपान के प्रति जागरूकता हेतु परामर्श सत्रों एवं जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें उन्हें एवं उनके शिशुओं को मां के दूध से होने वाले फायदे के संबंध में जानकारी दी जा रही है।

       जिला चिकित्सालय देवास के में विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन किया गया जिसमें प्रसूताओं और माताओं को शिशु एवं बाल आहारपूर्ति व्यवहारों यथा-जन्म के 1 घण्टे के भीतर शीघ्र स्तनपान, 6 माह तक केवल स्तनपान, 6 माह उपरांत स्तनपान के साथ-साथ ऊपरी आहार एवं कम से कम 2 वर्ष की उम्र तक स्तनपान जारी रखने के बारे में बताया गया। साथ ही ऐसी महिलाएं जिनके 2 साल से छोटे बच्चे हैं, उन्हें स्तनपान करवाने की सही तकनीकों के बारे में बतलाया जा रहा है। स्तनपान के पश्चात बच्चे को कंधे पर लेकर डकार दिलवाना, बच्चे के भोजन एवं मल मूत्र विसर्जन की निगरानी, वज़न मूल्यांकन के संबंध में विस्तार से परामर्श प्रदान किया जा रहा है। समय पर पुर्ण टीकाकरण करवाने और मॉ और बच्चे के स्वास्थ्य के बारे मे जानकारी दी।

        सीएमएचओ  डॉ. बेक ने सभी को बताया कि मां का दूध अमृत के समान है। यह नवजात शिशु को दिया जाने वाला पहले टीके के रूप में माना जा सकता है। जो उसे रोगों से लड़ने और जीवन भर उसके उत्तम स्वास्थ्य तथा सही शारीरिक एवं मानसिक विकास में सहायक होता है।  शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में भी स्तनपान की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका होती है। 6 माह से कम उम्र के बच्चों को सिर्फ और सिर्फ मां का दूध एवं 6 माह से अधिक उम्र के बच्चों को आवश्यकता के अनुसार स्तनपान एवं पोषण आहार प्रदान करना चाहियें।

       शिशु जन्म के पहले घंटे के भीतर ही बच्चे को स्तनपान करवाना बेहद आवश्यक है। इससे बच्चे को कोलेस्ट्रम प्राप्त होता है जो कि बच्चे के लिए बेहद जरूरी है। इसी प्रकार बच्चे को 6 माह की उम्र तक केवल और केवल स्तनपान ही करवाया जाना चाहिए।  बच्चे के खाने एवं पानी संबंधी सभी आवश्यकताओं की पूर्ति केवल मां के दूध से ही हो जाती है। इसके साथ ही घुट्टी, शहद या अन्य कोई भी चीज बच्चे को ना दी जावे। 6 माह के पूरे होने पर बच्चे को ऊपरी आहार की शुरुआत कर 2 साल की उम्र तक स्तनपान जारी रखा जा सकता है।  किसी भी प्रकार का ऊपरी दूध मां के दूध की जगह नहीं ले सकता। विशेषकर बीमार कम कम वजन या समय से पहला पहले पैदा हुए कमजोर नवजात के लिए डब्बा बंद दूध हानिकारक हो सकता है। माता के स्तनपान कराने में असमर्थ होने पर स्थान से निकाला हुआ दूध या अन्य स्वास्थ्य माता का दान किया हुआ दूध शिशु को पिलाया जा सकता है। स्तनपान कमजोर बच्चों को बीमारियों से बचाता है और उन्हें जल्दी स्वस्थ होने में मदद करता है। कार्यक्रम मे सीएमएचओ डॉ सरोजनी जेम्स बेक ,सिविल सर्जन डॉ. आर.पी परमार जिला स्वास्थ्य अधिकारी-1 डॉ मनीष मिश्रा, एसएनसीयू प्रभारी डॉ. वैशाली निगम ,उप जिला मीडिया अधिकारी कमलसिंह डावर, डीसीएम ओप्रकाश मालवीय बीईई  सुखदेव रावत सहित अन्य चिकित्सक और नर्सिंग स्टॉफ उपस्थित रहे।

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