वन स्टॉप सेंटर द्वारा स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्था मैं एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
देवास: दिनांक 03 दिसंबर 2025 को जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री साबिर अहमद सिद्दीकी के मार्गदर्शन तथा वन स्टॉप सेंटर प्रशासक श्रीमती गीता ठाकुर के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस के अंतर्गत जेंडर आधारित हिंसा को समाप्त करने हेतु वन स्टॉप सेंटर द्वारा BOI स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान, जिला देवास में एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के दौरान वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक श्रीमती गीता ठाकुर द्वारा वन स्टॉप सेंटर की सेवाओं, 181 महिला हेल्पलाइन, 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन सहित महिलाओं एवं बालिकाओं के लिए उपलब्ध विभिन्न संरक्षण सेवाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। उन्होंने जेंडर आधारित हिंसा के स्वरूप, उसके सामाजिक एवं मानसिक प्रभावों, तथा इसे रोकने के लिए आवश्यक सतर्कता, सामुदायिक सहयोग और कानूनी प्रावधानों के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने उपस्थित प्रतिभागियों को समझाया कि जेंडर आधारित हिंसा सिर्फ व्यक्तिगत समस्या नहीं, बल्कि सामाजिक कुरीति है, जिसे समाप्त करने के लिए जागरूकता, रिपोर्टिंग और समय पर सहायता प्राप्त करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने सभी बालिकाओं और महिलाओं को प्रेरित किया कि किसी भी प्रकार की हिंसा का सामना करने पर वे बिना झिझक संबंधित हेल्पलाइन और वन स्टॉप सेंटर से संपर्क करें।
इसके पश्चात सेंटर एडमिनिस्ट्रेटर सुश्री गोदावरी यादव ने उपस्थित बालिकाओं एवं महिलाओं को संबोधित करते हुए बाल विवाह की समस्या, उसके दुष्परिणाम तथा इसे रोकने हेतु बनाए गए कानूनी प्रावधानों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्होंने बताया कि बाल विवाह न केवल एक दंडनीय अपराध है, बल्कि यह बच्चों के शारीरिक, मानसिक एवं शैक्षणिक विकास को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे किसी भी संदिग्ध या संभावित बाल विवाह की जानकारी तुरंत अधिकारियों को दें।
इसके अलावा, वन स्टॉप सेंटर की परामर्शदाता सुश्री गरिमा पाठक द्वारा गुड टच–बैड टच की पहचान, बच्चों की सुरक्षा से संबंधित उपायों तथा संकट की स्थिति में वन स्टॉप सेंटर द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली परामर्श, चिकित्सीय सहायता, कानूनी सहयोग एवं त्वरित संरक्षण सेवाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। उनका उद्देश्य विद्यार्थियों में आत्म–सुरक्षा की समझ विकसित करना तथा उन्हें आवश्यकता पड़ने पर सरकारी सेवाओं का प्रभावी उपयोग करने के लिए सक्षम बनाना था। कार्यक्रम के दौरान संस्थान की वरिष्ठ संकाय सदस्य, प्रशिक्षकगण, बालिकाएँ एवं महिलाएँ उपस्थित रहीं।

0 Comments