संगीत की शानदार प्रस्तुतियों के साथ श्री शिव छत्रपति गणेश मंडल के दो दिवसीय आयोजन का समापन
देवास। श्री शिव छत्रपति गणेश मंडल के 108 वे स्थापना वर्ष पर आयोजित दो दिवसीय समारोह का दूसरा दिन संगीत के नाम रहा । पहले चरण में गुणी बांसुरी वादक ,पुणे से पधारे धवल जोशी का बासुंरी वादन हुआ जिसमे उनके द्वारा पहले रागदारिया पेश की गई । केशव वेणु बांसुरी पर 3.75 आक्टेव तक उनका पूरा अधिकार नजर आ रहा था। उन्होंने बाजे रे मुरलिया बाजे रे ,और पायोजी मैने राम रतन धन पायो जैसे प्रसिद्ध भजन भी पेश किए । मात्र 23 साल की आयु में उनका बासुरी पर अधिकार और नियंत्रण मंत्रमुग्ध करने वाला है । तबले पे संगत कर रहे थे तुकाराम जाधव। दूसरे चरण में कराओके क्लब के गायकों द्वारा रागमाला कार्यक्रम पेश किया, जिसमे हिंदी फिल्म संगीत के रागों पर आधारित सदाबहार सुरीले नगमे जैसे पूछो ना कैसे मैने रैन बिताई, रैना बीती जाए, मेरे नैना सावन भादो , आधा है चंद्रमा , रिमझिम गिरे सावन, ए जिन्दगी गले लगा ले ,अजहु न आय बालमां , तू जो मेरे सुर में सुर मिला ले,पेश किए। गायक कलाकार अजय सोलंकी, सुनील मालवीय ,अजय अर्थ , मीनाक्षी भंडारी ,पूजा साहू ने देर रात तक अपने सुरो से समा बांधे रखा। संगीत संयोजन नागेश्वर शर्मा का था, की बोर्ड पे योगेश पाठक और सागर सिसोदिया ,गिटार पे नवीन करेडिया, ऑक्टोपेड और परकेशन पे नागेश्वर शर्मा, ढोलक और कांगो पे रजत गुर्जर तथा तबले पर प्रवीण बैरागी ने अपनी कला से वहा उपस्थित सभी दर्शकों को मंत्र मुग्ध किया। कार्यक्रम का आरंभ प्रथम पूजनीय गणेश जी की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलन से हुआ। सभी कलाकारों का स्वागत श्री शिव छत्रपति गणेश मंडल के वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा पुष्प गुच्छ भेट कर किया गया। अगले वर्ष फिर नए कलाकारों के साथ नए कार्यक्रमों को पेश करने की भावना के साथ दो दिवसीय गणेशोत्सव का समापन हुआ।
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