7 हाफिजों के सर पर दस्तारे हिफ्ज का नायाब ताज रखा
इल्म ज्ञान दीन का हो या दुनिया का इंसान को इज्जत दिलाता है- मुफ्ती मुजाहिद रजा
देवास। मदरसा अल जमिअतुल काद्रिया गरीब नवाज सियापुरा का जश्ने दस्तारे हिफ्ज सियापुरा देवास पर रखा गया जिसमें 7 हाफिजों को प्रमाण पत्र भेंट कर सम्मनित किया गया। मौलाना सज्जाद अहमद रशीदी ने बताया कि इन सभी ने कुरआन हिफ्ज (कंठस्थ) कर लिया है। जामिया कादरिया सियापुरा देवास के 7 बच्चे हाफिजे कुरआन हो चुके हैं। जिनके सरों पर मदरसा अल जामिअतुल काद्रिया गरीब नवाज के हाफिज मो. दिलनवाज, शेख समीर, फरहान रजा, सलीम यूसूफी, मो. रोजब , अरबाज नूरी, दिलखुश आलम 7 हाफिजों को प्रमाण पत्र भेंट कर उलमाए किराम के मुकद्दस हाथों से दस्तारे हिफ्ज का नायब ताज रखा।
शिक्षा का महत्व
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में इंदौर से आए हजरत अल्लामा मुफ्ती मुजाहिद रजा ने कहा कि इल्म से ही इंसान की इज्जत है। इल्म ज्ञान दीन का हो या दुनिया का इंसान को इज्जत दिलाता है। दुनिया का इल्म दुनिया में और दीन का इल्म दोनों जहां में इज्जत (प्रतिष्ठा) दिलाता है। सभी प्राणियों में मानव को सर्वश्रेष्ठ और उच्चतम ( अशरफ उल मखलुकात )कहा गया है और इसका कारण इंसान को दिया गया ज्ञान है। ज्ञान में सर्वश्रेष्ठ ज्ञान कुरान का ज्ञान है। कुरान एक ऐसी बेमिसाल किताब है जिसके किसी एक वाक्य के समान कोई नहीं बन सकता। बड़े-बड़े ज्ञानियों ने यही कहा है कि यह इंसान का कलाम नहीं है यह तो खुदा की किताब है। मदरसा में कुरआन को हिफ्ज (कंठस्थ) करवाया जाता है और एक बेहतरीन इंसान बनाया जाता है ऐसा इंसान जैसे आज इन 7 हाफिजो पर आप फूल बरसा रहे हैं। हजरत अल्लामा सैयद तारिक अशरफी की सरपरस्ती में प्रोग्राम हुआ। मदरसा के संस्थापक हजरत अल्लामा मौलाना सज्जाद रसीदी द्वारा कलाम पेश किया गया। कार्यक्रम में देवास, सोनकच्छ और आसपास के सभी स्थान से समाज जन सम्मिलित हुए। प्रोग्राम के बाद लंगर का आयोजन किया गया।
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