देवास। तीन बत्ती चौराहा पर लियाकत हुसैन मिलन द्वारा रमजान में देर रात रोजदारो को जगाने वाले तमाम खिदमतगार बाबाओं को मैडल पहनाकर सहयोग कर उनका स्वागत सम्मान ईस्तबाल किया गया। लियाकत मिलन ने बताया कि वर्षों से चली आ रही परंपरा आज भी हमारे देवास शहर में निरंतर जारी है। यह उस समय की बात है जब शहर मे न तो बिजली थी और न ही टेलीफोन का इतना महत्व था। रमजान के महीने में देर रात रोजदारो को जगाने के लिए इन्ही बाबा लोगो द्वारा आवाज लगाकर जगाया जाता था। ये लोग तरह तरह की आवाज लगाकर रोजेदारों को जगाते थे ताकि वे उठकर सेहरी करके रोजा रख सके। धीरे धीरे समय बदलता गया और इंटरनेट टेक्नोलॉजी आ गई, और सेहरी के समय रोजदार को उठाने के लिए अब बहुत सी सुविधा मिलने लगी। जिससे कि बहुत सी जगहों पर इन बाबाओं का देर रात उठाने के सिलसिले में कमी आई। देवास शहर में ये परम्परा आज भी चल रही है। रमजान के आखरी असरे में मुस्लिम समाज के लोग अपनी जकात फितरे की रकम तथा कपड़े, आदि इन बाबाओं को देकर उनका सम्मान करते हैं।
0 Comments