Header Ads Widget

Responsive Advertisement

Recent Updates

6/recent/ticker-posts

गुरूदेेव के लिए प्रकृति की गोद ही ईश्वर की गोद थी,,जय हिन्द सखी मंडल ने गुरूदेव रविन्द्रनाथ टैगोर की जयंती मनाई

गुरूदेेव के लिए प्रकृति की गोद ही ईश्वर की गोद थी
जय हिन्द सखी मंडल ने गुरूदेव रविन्द्रनाथ टैगोर की जयंती मनाई
देवास। जय हिन्द सखी मंडल द्वारा गुरूदेव रविन्द्रनाथ टैगोर की जयंती मनाई गई। सखी तनुश्री विश्वकर्मा ने गुरूदेव के बाल्यकाल के बारे में बताते हुए कहा कि पिता देवेन्द्रनाथ ठाकुर और माता शारदा देवी की तेेरहवीं संतान के रूप में रविन्द्रनाथ का जन्म हुआ। काफी बड़ा परिवार था। माता के धार्मिक और सांस्कृतिक विचारों को आत्मसात करने वाले गुरूदेव को माता की ममता अधिक समय तक नहीं मिल सकी। गुरूदेव के लिए प्रकृति ही धर्म था। गुरूदेेव के लिए प्रकृति की गोद ही ईश्वर की गोद थी। विद्यालय की परम्परागत शिक्षा में उनका मन नहीं लगा। वे स्कूल जाने की जगह घंटो नदी किनारे बैठकर पक्षियों को देखते, निहारते, उनकी उड़ान पर मुग्ध होते। वे नदी में बहते जल को आस्था का प्रवाह मानते। सखी स्नेहा ठाकुर ने किशोरावस्था के बारे में बतातेे हुए कहा कि वे वकालत पढ़ने विदेश गए पर बिना डिग्री के लौट आए। अक्सर पिता के साथ पर्यटन पर निकल जाते। प्रकृति प्रेमी होने से उन्हें वनों, नदी किनारों, पहाड़ों पर घूमना बहुुत अच्छा लगता था। सखी जाह्नवी कुशवाह ने गुरूदेव के व्यक्तित्व के बारे में बतातेे हुए कहा कि वे भारत के श्रेष्ठ कहानीकार, गीतकार, उपन्यासकार, कवि, लेखक, संगीतकार और चित्रकार थे। एक साथ इतनी विधाओं के धनी गुरूदेेव जैसे बिरले मनुष्य ही इस संसार में अब तक हुए हैं। गीतांजली सर्वकालिक महान रचना है। इसी पर गुरूदेव को नोबल पुरस्कार प्राप्त हुआ था। सखी खुशी परमार ने कहा कि गुरूदेव ने प्रकृति को अपने हृदय की आंखों से देखा। गुरूदेेव की काबुलीवाला मानवीय आदर्शो और भावनाओं की पराकाष्ठा हैं काबुलीवाले का एक नन्हीं बच्ची में अपनी बेटी को देखना परिवार और सीमाओं के सारे बंधन तोड़ देता है। सखी वैशाली शर्मा ने कहा कि गुरूदेव रविन्द्रनाथ टेगौर विश्व के एकमात्र ऐसे गीतकार है जिनके लिए दो गीत दो देशों भारत और बांग्लादेश के राष्ट्रगान है। भारत का राष्ट्रगान जन गण मन और बांग्लादेश का अमार सोनार बांग्ला है। इस अवसर पर शांति निकेतन के संस्थापक गुरूदेव का पायल बोड़ाना, तुलसी परमार औैर मानसी ठाकुर ने भी स्मरण किया। आभार अंजली ठाकुुर ने व्यक्त किया

Post a Comment

0 Comments

Join Our WhatsApp Group? for latest and breaking news updates...
Click here to join the group...