देवास। महारानी पुष्पमाला राजे पवार शासकीय कन्या महाविद्यालय देवास द्वारा 20 दिसंबर 2024 को शिक्षा को सशक्त बनाना, समग्र भविष्य के लिए कौशल विकास को एकीकृत करना निजनतम विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। जनभागीदारी अध्यक्ष मनोरमा सोलंकी, प्रो. अमिय पहारे, डॉ शैलेन्द्र भारल, डॉ. नेहा बघेल, विधायक प्रतिनिधि विशाल शिंदे, वीणा महाजन, प्राचार्य डॉ भारत सिंह गोयल ने सरस्वती पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर महाविद्यालय की छात्रा यशमाला योगी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। महाविद्यालय प्राचार्य, डॉ जी.डी सोनी,डॉ चारुशीला भोसले,डॉ उज्ज्वला बाबर डॉ. अनीता भाना द्वारा अतिथियों को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। प्रो. दीपनविता गांगुली ने सेमिनार की रूपरेखा बताई। प्राचार्य ने छात्राओ को संबोधित करते हुए कौशल विकास के महत्त्व की चर्चा की ओर कहा कि केवल अकादमिक उन्नति से ही जीवन में सफल नही हो सकते। कौशल विकास अर्थात हुनर सिखने पर हमारे बुजुर्गो द्वारा सदैव जोर दिया गया। तुलसीदास जी, कबीरदास जी जैसे महान व्यक्तित्व अपने हूनर के कारण ही अमर है। यह भी बताया कि महाविद्यालय में 10 वोकेशनल कोर्सेस संचालित है साथ ही प्रधानमंत्री कौशल विकास के अंतर्गत महाविद्यालय की छात्राओं को सिलाई एवं ब्यूटी पार्लर का प्रशिक्षण देकर भी छात्राओं का विकास किया जा रहा है। प्रथम सत्र में प्रो. प्रीति तगाया द्वारा प्रो.अमिय पहारे होलकर साइंस कॉलेज इंदौर का परिचय दिया गया। डॉ.पहारे द्वारा छात्राओं को संचार और सुनना के बारे मे जानकारी दी। प्रथम सत्र की द्वितीय वक्ता डॉ नेहा बघेल मैत्रीय कॉलेज दिल्ली यूनिवर्सिटी दिल्ली द्वारा छात्राओं को योग और तनाव प्रबंधन के बारे मे बताया। द्वितीय सत्र के प्रथम वक्ता डॉ शैलेन्द्र भारल का परिचय डॉ अनिता भाना द्वारा दिया गया। डॉ भारत ने सफलता में शिक्षा और कौशल विकास की भूमिका की चर्चा की। इस सत्र में द्वितीय वक्ता मनीष शर्मा का परिचय प्रो. अंजली वर्मा द्वारा दिया गया । श्री शर्मा ने कम्युनिकेशन स्किल में भावपक्ष को विकसित करने के बारे में बताया। तृतीय सत्र में प्रो. ज्योति गुप्ता सहायक प्राध्यापक दिल्ली विश्वविद्यालय ने सेमिनार में ऑनलाइन व्याख्यान में हार्ड स्किल एवं सॉफ्ट स्किल के विभिन्न पहलुओ के बारे में छात्राओं को जानकारी दी। शोध पत्र वाचन में सर्वप्रथम डॉ जी.डी सोनी ने आर्टिफिशिअल इंटेलीजेन्स के उपयोग तथा भविष्य में इससे होने वाली हानियों से अवगत कराया। डॉ. नेहा उपाध्याय ने उच्च शिक्षा प्रणाली के विकास, संरचना तथा चुनौतियां के बारे में बताया, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की रिसर्च स्कॉलर शाहीन शैख ने डिजिटल लिट्रेसी विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। चतुर्थ सत्र में सेमिनार में भाग लेने एवं पेपर प्रस्तुत करने वाले प्रतिभागियों को महाविद्यालय द्वारा सर्टिफिकेट प्रदान किए गए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शर्मिला काटे ने किया तथा आभार प्रदर्शन प्रो. प्रीति तगाया द्वारा किया गया। इस अवसर पर समस्त महाविद्यालय स्टाफ एवं छात्राए उपस्थित रहे।
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