65 बी सर्टिफिकेट (साक्ष्य अधिनियम) के ज्ञान अर्जन हेतु अभिभाषक संघ द्वारा कार्यशाला आयोजित
देवास। जिला अभिभाषक संघ द्वारा संघ के सदस्यों के ज्ञान अर्जन हेतु सभाकक्ष में एक कार्यशाला आयोजित की गई। अध्यक्ष अशोक वर्मा ने बताया कि कार्यशाला के मुख्य वक्ता वैज्ञानिक राजेंद्र गौर, इंदौर थे। मुख्य वक्ता श्री गौर का संघ अध्यक्ष श्री वर्मा एवं समस्त कार्यकारिणी पदाधिकारियों ने पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। जिन्होंने अभिभाषक संघ के सदस्यों को 65 बी सर्टिफिकेट (साक्ष्य अधिनियम) ऑडियो/वीडियो एनालिसिस, ऑडियो ट्रांसक्रिप्शन, कंप्यूटर, सीसी टीवी, मोबाइल, हार्ड डिस्क, हैंडराइटिंग और फिंगरप्रिंट इत्यादि विषयों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की धारा 65बी के तहत इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के लिए प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। यह प्रमाण पत्र, इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की पहचान करता है और यह बताता है कि यह कंप्यूटर द्वारा तैयार किया गया। इस प्रमाण पत्र को जारी करने के लिए, उस व्यक्ति की जिम्मेदारी होती है जो उस प्रणाली के कामकाज के लिए जिम्मेदार हो, जिससे इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड तैयार किया जाता है। जैसे कि आईटी अधिकारी या सिस्टम प्रशासक. यह प्रमाण पत्र, कानूनी कार्यवाही में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की स्वीकार्यता के लिए ज़रूरी है। इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड के उत्पादन में शामिल डिवाइस का विवरण भी दिया जाता है। श्री गौर ने 65 बी सर्टिफिकेट में किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और क्या सावधानियां रखनी चाहिए आदि के बारे मेें भी जागरूक किया। इस अवसर पर सचिव अतुल पंडया, उपाध्यक्ष पंकज पड्या, उपाध्यक्ष (महिला) गीता शर्मा, कोषाध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह तोमर, पुस्तकालय सचिव श्वेतांक राज शुक्ला सहित बडी संख्या में वरिष्ठ एवं कनिष्ठ अधिवक्ता उपस्थित थे। संचालन सहसचिव जितेन्द्र सिंह ठाकुर ने किया। आभार एड, हेमंत शर्मा ने माना।

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