देवास : 1857 से लेकर 1947 तक 90 वर्ष चले स्वतंत्रता के आंदोलन में सबसे ज्यादा शहादत युवाओ ने दी जिनकी अधिकांश उम्र 30 वर्ष से कम रही थी। इन स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारियों में प्रमुख रूप से महारानी लक्ष्मीबाई 29 वर्ष, अवंती बाई लोधी 27 वर्ष शहीद भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु की उम्र 23 वर्ष चंद्रशेखर आजाद 24 वर्ष खुदीराम बोस 18 वर्ष मंगल पांडे 29 वर्ष हेमू कॉलानी 19 वर्ष ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ संघर्ष में अपने प्राणों की आहुति दी शहादत दी। देश की आजादी के लिए हुए आंदोलन में सर्वाधिक हिस्सेदारी युवाओं की रही थी जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ वह आक्रामक लड़ाई लड़ी जिससे अंग्रेज हताश और निराश हो गए इसका परिणाम रहा कि हमें 1947 में आजादी मिली। उक्त विचार शहर जिला कांग्रेस द्वारा गजरा गियर्स चौराहा स्थित शहीद भगत सिंह सुखदेव राजगुरु की प्रतिमा पर उनके बलिदान दिवस के अवसर पर माल्यार्पण के पश्चात संबोधित करते हुए शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी भगवान सिंह चावड़ा सुधीर शर्मा सहित वक्ताओं ने व्यक्त किए। इसी के साथ कहा कि आज की युवा पीढ़ी इन युवा क्रांतिकारीयो से शिक्षा ले जिन्होंने छोटी सी उम्र में अपने लिए देश और देश की आजादी को सर्वोपरि माना हमारी जिम्मेदारी है कि हमें इन युवा क्रांतिकारियों के बलिदान से मिली इस आजादी को अक्षुण्ण बनाए रखाना है। यही हमारी इन युवा क्रांतिकारीयो के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर कांग्रेस नेता नजर शेख कल्याण सिंह पवार प्रमोद सुमन चंद्रपाल सिंह सोलंकी पंकज वर्मा राहुल पवार प्यारे मियां पठान प्रदीप बनाफर हिम्मत सिंह चावड़ा राकेश पाटीदार रूपेश पालीवाल मोनू चौहान पंकज धारू गोलू विजयवर्गीय जितेंद्र मालवीय सुनील यादव निर्मल डोडिया संजय रैकवार सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस जन उपस्थित थे। आभार प्रहलाद मिस्त्री ने माना।
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