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सेन्ट्रल इण्डिया एकेडमी में राष्ट्रीय विज्ञान सप्ताह का आयोजन

सेन्ट्रल इण्डिया एकेडमी में राष्ट्रीय विज्ञान सप्ताह का आयोजन

देवास:सेन्ट्रल इण्डिया एकेडमी में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय विज्ञान सप्ताह उत्सव का आयोजन मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के सहयोग से किया गया। इस दौरान विभिन्न गतिविधियों जैसे निबंध लेखन, पोस्टर, वाद-विवाद, रंगोली, मैजिकल साइंस शो एवं स्टेम वर्कशाॅप का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त श्री ओमप्रकाश पाटीदार, शासकीय सी.एम. राइस स्कूल की उपप्राचार्य रफत कुरैशी और ग्लोबल इनोवेशन फाउंडेशन के प्रोग्राम काॅर्डिनेटर शैलेन्द्र कसेरा थे।
इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण स्टेम (साइंस, टेक्नालाॅजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स) वर्कशाॅप था जिसका आयोजन स्वयं अपने हाथों से प्रयोग करके विज्ञान और गणित के सिद्धांतों को रोचक, सरल और प्रायोगिक रूप में समझने के लिए किया गयाथा। जिसका आयोजन विद्यालय के बच्चों में क्रिएटिविटी, वैज्ञानिक जागरूकता और नवाचार के विकास के लिए कार्य करने वाली ग्लोबल इनोवेशन फाउंडेशन द्वारा बच्चों के बीच विज्ञान के सिद्धांतों को अधिक रोचक और रूचिकर बनाने के उद्देश्य से किया गया। 
श्री कसेरा के द्वारा आसपास के बेकार सामान प्लास्टिक की नली, कागज के डिस्पोजल गिलास, पानी की खाली बोतल और गुब्बारों के द्वारा स्कूलों में पढ़ाये जाने वाले जटिल भौतिक विज्ञान के सिद्धांतों को सरल प्रयोगों के द्वारा विद्यार्थियों के समक्ष जादू के रूप में करके समझाया गया। इसके अलावा बच्चों में बचपन से व्याप्त मिथकों जैसे पैंसिल के छिलकों से रबर बनाना, लांघ जाने पर लंबाई रूक जाना, सिर टकराने पर दुबारा टकराना आदि जैसे अंधविश्वासों को दूर करके वैज्ञानिक सोच अपनाने के लिये विज्ञान आधारित जादू द्वारा प्रेरित किया गया। साथ ही कागज के डिस्पोजल कप पर 2 क्विंटल से अधिक वजन रखा गया, जिसे देख विद्यार्थियों, शिक्षक सहित सभी ने दांतों तले उंगलियाॅं दबा ली, किंतु यह विज्ञान के सिद्धांतों पर आधारित जादू था।
विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती रीटासिंह ने अपने उदबोधन में कहा कि आज विज्ञान के संबंध में सबसे बड़ा आश्चर्य यह है कि विज्ञान विषय है जो है ही प्रयोग करके देखने के लिए। वह आज केवल किताबों की सीमाओं में सिमट कर रह गया है जिससे न केवल बच्चों की जिज्ञासा समाप्त होती जा रही है बल्कि इस प्रकार का प्रयोग रहित विज्ञान बच्चों पर मानसिक बोझ बनता जा रहा है इसी मानसिक बोझ को रोचकता और जिज्ञासा में बदलने के लिए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की शिक्षिका ज्योति शर्मा द्वारा किया गया एवं विज्ञान के रचनात्मक स्वरूप पर आधारित प्रश्न मंच, चित्रकला, और निबंध प्रतियोगिता का आयोजन सहसमन्वयक प्रियंका तिवारी द्वारा किया गया।

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