महिला दिवस विशेष
डॉ. सुषमा अरोरा ,एक ऐसी योद्धा हैं, जिन्होंने हर चुनौती को अवसर में बदला
देवास: ग्वालियर की मिट्टी से जन्मीं, आकाश को छूने का हौसला रखने वाली, डॉ. सुषमा अरोरा,एक ऐसी कहानी हैं जो हर नारी के दिल में उम्मीद का दीप जलाती है। ये सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि एक जीवंत कविता है, जिसमें शिक्षा की गहराई, उद्योग की ऊँचाई, और सेवा की सरगम एक साथ गूंजती है।
जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर से मधुमेह में पीएचडी, उनके ज्ञान का वो शिखर है, जहाँ से उन्होंने देवास के स्वास्थ्य की दिशा तय की। ग्वालियर में जन्मीं और देवास ससुराल को अपनी कर्मभूमि मानकर विगत 34 वर्षों से अपने सेवा समर्पण और मेहनत के बल पर आप दो उद्योगों और एक विद्यालय का सफल संचालन कर रहीं हैं जहां आपकी मेहनत के बल पर सपने आकार लेते हैं और भविष्य संवरता है। 15 वर्षों तक आपकी पैथोलॉजी लैब ने देवास के हर ज़रूरतमंद के लिए उम्मीद की किरण फैलाई।
आपकी दो बेटियाँ, एक डॉक्टर और दूसरी बीबीए की राह पर, उनके ममतामयी हाथों की कारीगरी हैं। लायनेस क्लब की दो बार अध्यक्ष बनकर और प्रगति क्लब ऑफ स्पोर्ट्स की सक्रिय सदस्य बनकर,उन्होंने समाज सेवा एवं खेल प्रतिभाओं को निखार कर अपनी जीवन शैली को बनाया।
डॉ. सुषमा अरोरा ,एक ऐसी योद्धा हैं, जिन्होंने हर चुनौती को अवसर में बदला। उन्होंने साबित किया कि एक नारी, एक साथ सृजनहार, रक्षक और मार्गदर्शक हो सकती है। इस महिला दिवस पर, देवास की ये ध्रुवतारा, हर नारी को अपने सपनों के पंख फैलाने की प्रेरणा देती है। उनकी कहानी, हर उस नारी के लिए एक गीत है, जो अपनी पहचान बनाना चाहती है, जो आसमान को छूना चाहती है, जो अपने सपनों को जीना चाहती है।"
हमारा देवास सेल्यूट करता डॉ. सुषमा अरोरा जेसी नारी शक्ति को !!
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