7 सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर मप्र पंचायत सचिव संगठन ने मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन, हनुमान जी की गदा भेंट की
देवास। मध्यप्रदेश पंचायत सचिव संगठन के बैनर तले पंचायत सचिवों ने 7 सूत्रीय लम्बित मांगों का शासन द्वारा निर्णय किये जाने के बाद भी निराकरण नहीं होने एवं मांगों का निराकरण कर, आदेश/निर्देश जारी किए जाने को लेकर हाटपीपल्या आयोजन में हिस्सा लेने पहुंचे मुख्यमंत्री मोहन यादव को ज्ञापन सौंपा। जिलाध्यक्ष भगवान सिंह चौधरी ने सर्वप्रथम मुख्यमंत्री श्री यादव को हनुमान जी गदा भेंट कर मांगे पूरी करने की अपील की। तत्पश्चात देवास ब्लॉक अध्यक्ष कन्हैयालाल पटेल ने ज्ञापन देते हुए बताया कि म.प्र. पंचायत राज व्यवस्था की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी ग्राम पंचायत सचिव जो कि म.प्र. शासन की समस्त प्रशासनिक योजनाओं को 23 हजार ग्राम पंचायतों में जमीनी स्तर पर धरातल पर उतारने का कार्य करता है। पंचायत सचिव वर्तमान परिदृश्य में सबसे कम वेतन वो भी अनियमित होने की दशा में भी प्रशासन का एक महत्वपूर्ण अंग बनकर अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करता है। विगत 1 वर्ष पूर्व म.प्र.शासन द्वारा लिये गये निर्णयानुसार पंचायत सचिवों के महत्वपूर्ण मांगों पर घोषणा एवं निर्णय हुए लेकिन आज दिनांक तक उनका क्रियान्वयन नहीं होने से प्रदेश के 23 हजार पंचायत सचिव गंभीर परेशानियों का सामना कर रहे है। पंचायत सचिवों की मांग है कि प्रदेश के पंचायत सचिवों का जिला संवर्ग से राज्य स्तर पर पंचायत विभाग में संविलियन किया जाकर समस्त शासकीय कर्मचारियों की भांति सुविधाएँ के 3 अगस्त 2023 की घोषणा क अनुपालन में लाभ प्रदान किया जावे। प्रदेश के पंचायत सचिवों को वर्ष 2018 में दिये गये छठवें वेतनमान की वेतन गणना में सेवाकाल की गणना नियुक्ति दिनांक से ना करते हुए, त्रुटिपूर्ण वर्ष 2008 से की गई है, सेवाकाल की गणना नियुक्ति दिनांक से की जाकर 6वें वेतनमान का शुद्ध वेतन निर्धारित किया जाकर उसे 7वें वेतनमान में की गणना में आगे बढ़ाया जावे। पंचायत सचिवों को 7वें वेतनमान का लाभ हेतु शुद्ध गणना पत्रक जारी कर, 7वें वेतनमान का लाभ दिये जाने के पूर्व सेवाकाल की गणना 6वें वेतनमान में नियुक्ति दिनांक से की जावे। शासन द्वारा जब तक स्थाई पेंशन का प्रावधान ना हो तब तक वर्ष 2008 से ही सेवानिवृत्त हुए पंचायत सचिवों और भविष्य में सेवानिवृत्त होने वाले पंचायत सचिवों अपने जीवन निर्वाह के लिए सेवानिवृत्ति पर एक मुश्त 10 लाख रू. सम्मान निधि प्रदान की जावे। शासन के प्रावधान अनुसार पंचायत सचिव 2 पदौन्नति के लिए पात्र है। पंचायत सचिवों की विभाग के वरिष्ठ पदों पर एवं संवर्गों में पदौन्नति प्रदान की जावे। पंचायत सचिवों को समस्त शासकीय कर्मचारियों की भांति समयमान वेतनमान का लाभ प्रदान किया जावे। एक जिले से दूसरे जिले में नियुक्ति हेतु आयुक्त, पंचायत राज संचालनालय से एक आदेश समस्त अनुकम्पा आश्रितों को नियुक्ति प्रदान की जावे। उपरोक्त 7 सूत्रीय मांगों में से कई मांगों का निराकरण करने के लिए राज्य शासन द्वारा विभागीय कार्यवाही प्रचलित की गई है जो विचाराधीन है एवं कई मांगों पर सरकार के आदेश निर्देश की प्रतिक्षा है। मांगों का निराकरण नहीं होने से पंचायत सचिव गंभीर परेशानियों का सामना कर रहे है। इस दौरान प्रदेश उपाध्यक्ष गबूसिंह राठौड, ब्लॉक अध्यक्ष कन्हैयालालाल पटेल देवास, भंवर सिंह यसोना सोनकच्छ, गोपाल पंचोली बागली, राधेश्याम मण्डलोई बागली, ईश्वर सिंह चौहान कन्नौद, गोविंदा शर्मा खातेगांव, संगठन मंत्री सिकंदर पटेल, मीडिया प्रभारी रवि रावत, घनश्याम चौधरी, दिनेश शर्मा, ओमप्रकाश सारंग, कन्हैयादास बैरागी, रमेशचंद्र मण्डलोई, एजाज पटेल, गुरूचरण पटेल, निर्भय सिंह चौधरी, रामेश्वर राठौड, दिनेश शर्मा, दिनेश तंवर, अनिल मेकवाल, किशोर यादव, रघुनंदन ताम्ब्रकर, सुभाष चौधरी, सुभाष जलोदिया सहित बडी संख्या में जिले के पंचायत सचिव उपस्थित थे।
देवास। मध्यप्रदेश पंचायत सचिव संगठन के बैनर तले पंचायत सचिवों ने 7 सूत्रीय लम्बित मांगों का शासन द्वारा निर्णय किये जाने के बाद भी निराकरण नहीं होने एवं मांगों का निराकरण कर, आदेश/निर्देश जारी किए जाने को लेकर हाटपीपल्या आयोजन में हिस्सा लेने पहुंचे मुख्यमंत्री मोहन यादव को ज्ञापन सौंपा। जिलाध्यक्ष भगवान सिंह चौधरी ने सर्वप्रथम मुख्यमंत्री श्री यादव को हनुमान जी गदा भेंट कर मांगे पूरी करने की अपील की। तत्पश्चात देवास ब्लॉक अध्यक्ष कन्हैयालाल पटेल ने ज्ञापन देते हुए बताया कि म.प्र. पंचायत राज व्यवस्था की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी ग्राम पंचायत सचिव जो कि म.प्र. शासन की समस्त प्रशासनिक योजनाओं को 23 हजार ग्राम पंचायतों में जमीनी स्तर पर धरातल पर उतारने का कार्य करता है। पंचायत सचिव वर्तमान परिदृश्य में सबसे कम वेतन वो भी अनियमित होने की दशा में भी प्रशासन का एक महत्वपूर्ण अंग बनकर अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करता है। विगत 1 वर्ष पूर्व म.प्र.शासन द्वारा लिये गये निर्णयानुसार पंचायत सचिवों के महत्वपूर्ण मांगों पर घोषणा एवं निर्णय हुए लेकिन आज दिनांक तक उनका क्रियान्वयन नहीं होने से प्रदेश के 23 हजार पंचायत सचिव गंभीर परेशानियों का सामना कर रहे है। पंचायत सचिवों की मांग है कि प्रदेश के पंचायत सचिवों का जिला संवर्ग से राज्य स्तर पर पंचायत विभाग में संविलियन किया जाकर समस्त शासकीय कर्मचारियों की भांति सुविधाएँ के 3 अगस्त 2023 की घोषणा क अनुपालन में लाभ प्रदान किया जावे। प्रदेश के पंचायत सचिवों को वर्ष 2018 में दिये गये छठवें वेतनमान की वेतन गणना में सेवाकाल की गणना नियुक्ति दिनांक से ना करते हुए, त्रुटिपूर्ण वर्ष 2008 से की गई है, सेवाकाल की गणना नियुक्ति दिनांक से की जाकर 6वें वेतनमान का शुद्ध वेतन निर्धारित किया जाकर उसे 7वें वेतनमान में की गणना में आगे बढ़ाया जावे। पंचायत सचिवों को 7वें वेतनमान का लाभ हेतु शुद्ध गणना पत्रक जारी कर, 7वें वेतनमान का लाभ दिये जाने के पूर्व सेवाकाल की गणना 6वें वेतनमान में नियुक्ति दिनांक से की जावे। शासन द्वारा जब तक स्थाई पेंशन का प्रावधान ना हो तब तक वर्ष 2008 से ही सेवानिवृत्त हुए पंचायत सचिवों और भविष्य में सेवानिवृत्त होने वाले पंचायत सचिवों अपने जीवन निर्वाह के लिए सेवानिवृत्ति पर एक मुश्त 10 लाख रू. सम्मान निधि प्रदान की जावे। शासन के प्रावधान अनुसार पंचायत सचिव 2 पदौन्नति के लिए पात्र है। पंचायत सचिवों की विभाग के वरिष्ठ पदों पर एवं संवर्गों में पदौन्नति प्रदान की जावे। पंचायत सचिवों को समस्त शासकीय कर्मचारियों की भांति समयमान वेतनमान का लाभ प्रदान किया जावे। एक जिले से दूसरे जिले में नियुक्ति हेतु आयुक्त, पंचायत राज संचालनालय से एक आदेश समस्त अनुकम्पा आश्रितों को नियुक्ति प्रदान की जावे। उपरोक्त 7 सूत्रीय मांगों में से कई मांगों का निराकरण करने के लिए राज्य शासन द्वारा विभागीय कार्यवाही प्रचलित की गई है जो विचाराधीन है एवं कई मांगों पर सरकार के आदेश निर्देश की प्रतिक्षा है। मांगों का निराकरण नहीं होने से पंचायत सचिव गंभीर परेशानियों का सामना कर रहे है। इस दौरान प्रदेश उपाध्यक्ष गबूसिंह राठौड, ब्लॉक अध्यक्ष कन्हैयालालाल पटेल देवास, भंवर सिंह यसोना सोनकच्छ, गोपाल पंचोली बागली, राधेश्याम मण्डलोई बागली, ईश्वर सिंह चौहान कन्नौद, गोविंदा शर्मा खातेगांव, संगठन मंत्री सिकंदर पटेल, मीडिया प्रभारी रवि रावत, घनश्याम चौधरी, दिनेश शर्मा, ओमप्रकाश सारंग, कन्हैयादास बैरागी, रमेशचंद्र मण्डलोई, एजाज पटेल, गुरूचरण पटेल, निर्भय सिंह चौधरी, रामेश्वर राठौड, दिनेश शर्मा, दिनेश तंवर, अनिल मेकवाल, किशोर यादव, रघुनंदन ताम्ब्रकर, सुभाष चौधरी, सुभाष जलोदिया सहित बडी संख्या में जिले के पंचायत सचिव उपस्थित थे।
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