लगन, समर्पण और परिश्रम से बना दिया ऑक्सीजन बैंक,,,
देवास। मनमोहक हरियाली, चहचहाते पक्षी, कोयल की सुरीली आवाज,बंदरों की शरारतें, और उनके बीच में आनंद प्राप्त करते बच्चे। यह दृश्य है नगर के शासकीय माध्यमिक विद्यालय महाकाल कॉलोनी का। जहां लगन समर्पण और परिश्रम से एक सुंदर और मनमोहक बगीचा तैयार है। इसे हम ऑक्सीजन बैंक भी कह सकते हैं। हरियाली इतनी की देखते ही मन प्रसन्न हो जाए। प्रधानाध्यापक महेश सोनी ने बताया कि कई वर्षों की मेहनत के बाद यह बगीचा बना है। वर्ष भर प्रतिदिन पेड़ पौधों के देखभाल करना,खाद पानी देना, उसके बाद यह बगीचा तैयार हुआ है। विद्यालय में पीपल,नीम,बादाम, शहतूत,गुलमोहर,बांस, अर्जुन, एलेस्टोनिया, के बड़े वृक्ष है।कमल,ब्रह्मकमल,अपराजिता,मोरपंखी, पाम,कनेर,गुलाब,लीली,तुलसी, एवं विभिन्न प्रकार की प्रजातियों के लगभग ढाई सौ गमले है। इस बगीचे में कोयल ,चिड़िया, तितलियां,गिलहरी, आदि जीवों का निवास है। पिछले 10 वर्षों से बंदरों का झुंड भी यहीं पर रहता है। गार्डन की सुरक्षा के लिए हैप्पी और टॉफी नामक दो डॉग भी पाले गए हैं। स्कूल स्टाफ, बच्चे और उनके पालक सभी मिलजुल कर पौधों और जीव जंतुओं की सुरक्षा करते हैं। प्रतिदिन पानी देना ,खाद देना ,कटिंग करना यह सब सामूहिक प्रयास से होता है। विश्व पर्यावरण दिवस पर यहां के शिक्षक और बच्चों का यह प्रयास रहेगा कि पूरे नगर में शानदार पोधा रोपण हो ताकि हमारा नगर आने वाले सभी लोगों को मनमोहक लगे।
प्रधानाध्यापक महेश सोनी ने बताया कि जिस किसी व्यक्ति को अपने स्कूल या घर पर गार्डन लगाना हो गए बागवानी की जानकारी के लिए संपर्क कर सकते हैं।सभी बच्चों को कोकेडामा सहित गार्डन की तकनीक सिखाई गई है ताकि वे अपने घर पर भी गार्डन लगा सके।अब इस वर्ष टेरेस गार्डन भी बनाया जा रहा है जिसमें विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे इसका लाभ यह होगा कि सभी कक्ष गर्मी में ठंडे रहेंगे ।
शिक्षक और बच्चों का सभी नागरिकों को यही संदेश है कि सभी को अपने घर ,कार्य स्थल,तथा सार्वजनिक स्थानों पर प्रति सप्ताह एक घंटा बागवानी के लिए श्रमदान करना चाहिए। इससे हमारा नगर स्वच्छ और सुंदर बनेगा।
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