Header Ads Widget

Responsive Advertisement

Recent Updates

6/recent/ticker-posts

जहां नाम है वहां अंकुरण है, छूट गया वहां प्रलय है....सद्गुरु मंगल नाम साहेब

जहां नाम है वहां अंकुरण है, छूट गया वहां प्रलय है....सद्गुरु मंगल नाम साहेब
देवास।हवा को देख नहीं सकते, छू नहीं सकते, पकड़ नहीं सकते। लेकिन हवा द्वारा प्रकृति में जो हलचल पैदा होती है  उसे हम देख सकते हैं। अनुभव कर सकते हैं। अंधेरे को देखो उसकी जड़ है क्या। मानव में  अज्ञानता के अंधेरे के द्वारा जो परिणाम सामने आ रहे हैं वह भटका रहे हैं । इसलिए लोग अंधेरे के कारण ठोकर खा रहे हैं। यह सब नाम का अभाव है। नाम जहां मौजूद हो, जहां अंकुरण है, वहां वंश है। वंहा सहजता है। जहां नाम छूट गया वहां प्रलय है। वहां कुछ भी नहीं है। संसार में भटक भटक कर मर जाओगे। यह विचार सद्गुरु मंगल नाम साहब ने सदगुरु कबीर प्रार्थना स्थल मंगल मार्ग टेकरी पर आयोजित गुरुवाणी पाठ में व्यक्त किए। उन्होंने आगे कहा कि राजपाट भी मिल जाए तो भी तुम सुखी नहीं रह सकते। नाम के बिना इन्द्रासन भी बेकार ही है। नाम के बिना सांस के बिना, प्रकाश के बिना सब बेकार हैं। क्योंकि अगर  सांस होगी, उसमें मेरा राजा, मेरा साहब होगा, तभी तुम्हारा अस्तित्व है। जैसे एक जमीन से जुड़ा हुआ झाड़ सूरज की तेज धूप को सहन कर उसमें खिल रहे कोमल पत्ते लहराते रहते हैं। चमकते रहते हैं  लेकिन जब उस पेड़ का जमीन से साथ छूट जाता है, जड़ें उखड़ जाती हैं। तो पत्ता मुरझा जाता है। ऐसा ही नाम से जुड़ने वाला चाहे संसार का कोई भी पुरुष हो संसार में देह धर के नहीं आता। बिना देह का पुरुष है। पिंड जो होता है वह शरीर को कहते हैं। प्राण विदेही पुरुष है। विदेही पुरुष श्वास प्राण जिसका संयोग बना है। वह प्रेम नगर में बना है। यदि प्रेम नहीं है। तो पिंड अलग है और प्राण अलग है  साथ-साथ रहते हुए भी मिलते नहीं है। सद्गुरु ही इसको अपनी वाणी विचारों से समझाते हैं। कि जो तेरे घट में  बैठा हुवा है, वही तेरा साहब है वही परमात्मा है।। मुनिवर सहस्त्र  जिसको खोज रहे हैं, जप रहे हैं। वह तुम्हारे घट में ही बैठा हुआ है और तुम बाहर ढूंढते फिर रहे हो। यह जानकारी सेवक वीरेंद्र चौहान ने दी।


Post a Comment

0 Comments

Join Our WhatsApp Group? for latest and breaking news updates...
Click here to join the group...