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नगरजनों को दर्शन देकर प्रतिष्ठित हुए वासुपूज्य स्वामीजी, प्रभुको हृदय में बसाना है- आचार्य नवचंद्रसागर सूरीजी ,,जहां दंगल है वहां प्रभु मंगल करते है-आचार्यश्री

नगरजनों को दर्शन देकर प्रतिष्ठित हुए वासुपूज्य स्वामीजी, प्रभुको हृदय में बसाना है- आचार्य नवचंद्रसागर सूरीजी ,,
जहां दंगल है वहां प्रभु मंगल करते है-आचार्यश्री  
देवास। शहर के पंचशील नगर स्थित चम्पापुरीधाम में जैन जगत केे 12 वें तीर्थंकर श्री वासुपूज्य स्वामीजी की जगकल्याणकारी बहुप्रतिक्षित प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई। जिसमें भक्तों का उत्साह चरम पर था। दिव्य मंत्रोच्चार के साथ आचार्यश्री नवचंद्रसागर सूरीश्वरजी, ऋषभचंद्र सागरजी, अजीतचंद्र सागरजी आदि 100 साधु साध्वीजी भगवंत की निश्रा में यह प्रतिष्ठा संपन्न हुई। संपूर्ण आयोजन बागमल अमरचंद मनीष कुमार जैन कायथावाला परिवार द्वारा किया गया। इस अवसर पर श्री आदेश्वर मंदिर बड़ा बाजार से अनेक आकर्षणों से सुसज्जित भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। प्रभु ने एक चांदी की डोली पर विराजमान होकर नगर भ्रमण करके नगरजनों का हाल जाना एवं अपने दिव्य दर्शन दिए। श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर तुकोगंज रोड, श्री चंदाप्रभु मंदिर एमजी रोड होकर सयाजी द्वार से रथ यात्रा पंचशील नगर पहुंची। शोभा यात्रा में सबसे आगे उंट, हाथी और घोड़ों की सवारी चल रही थी। जिसके पीछे मधुर वाजंत्री के स्वरों पर भक्तजन झूमते, नाचते, गाते चल रहे थे। महाराष्ट्र से आया नवयुवक एवं युवतियों के कर्णप्रिय ढोल ने प्रशंसनीय प्रस्तुति दी। चांदी की डोली पर वासुपूज्य स्वामीजी एवं चांदी के रथ पर जिनेश्वर परमात्मा विराजमान होकर चल रहे थे। भक्तजनों ने अपने हाथों से डोली उठाई एवं रथ चलाया। इतनी बड़ी संख्या में उपस्थित साधु साध्वीजी का दुर्लभ विशाल समूह आकर्षण का केन्द्र बना हुआ था। सुसज्जित बग्घी पर तपस्वी एवं भविक तीर्थयात्री चल रहे थे। संपूर्ण नगर के सभी महिला मंडल की महिलाएं अपनी एक समान वेशभूषा में सुशोभित हो रही थी। प्रतिष्ठा के पश्चात विशाल धर्मसभा को उपदेशित करते हुए आचार्यश्री ने कहा कि मंदिर में प्रतिष्ठा तो मात्र बहाना है, सच में तो हमें प्रभु को हृदय में बसाना है। हमें पूर्ण श्रद्धा से यह प्रण लेना होगा कि परमात्मा की वाणी एवं आज्ञा ही सर्वोच्च सत्य है। हम प्रभु की आज्ञा का पालन कर सके तो यह जीवन का आनंद है और न कर सके तोे यह दर्द विषाद है। मानव भव पाकर हमें तोे आनंद ही प्राप्त करना है। वासुपूज्य स्वामीजी मंगल ग्रह के स्वामी है। जिनको भी मंगल ग्रह की तकलीफ है और शांति समाधान चाहिये तो उन्हें अवश्य की वासुपूज्य स्वामी जी की आराधना उपासना करना चाहिये। जहां दंगल हो वहां प्रभु मंगल कर देते है। प्रवक्ता विजय जैन ने बताया कि मार्ग में शोभा यात्रा का अनेक धार्मिक, राजनैतिक एवं सामाजिक संगठनों ने स्वागत किया।  इस अवसर पर सांसद महेन्द्रसिंह सोलंकी, भाजपा जिलाध्यक्ष रायसिंह सेंधव, महापौर गीता दुर्गेश अग्रवाल, सभापति रवि जैन, विधायक प्रतिनिधि भरत चौधरी, राजेश यादव, नरेन्द्रसिंह राजपूत, मनीष सेन, गौतमसिंह राजपूत, महेश चौहान, निलेश छाबड़ा, पंकज वर्मा, कैलाश चंद्रावत, अजय गुप्ता, ओम जोशी, राहुल परिहार आदि बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन राजेश बागरेचा ने किया। अतिथि सम्मान महावीर जैन, अरूण वोहरा, निलेश जैन, प्रमोद जैन, दिलीप चौधरी, गिरिश सिंघवी ने किया। आभार शैलेन्द्र चौधरी ने माना।

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