मप्र वक्फ बोर्ड का बड़ा फैसला: अब सभी वक्फ कमेटियों के खुलेंगे बैंक खाते, आर्थिक पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम
देवास। मप्र वक्फ बोर्ड ने वर्षों से चल रही आर्थिक अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की शिकायतों पर सख्त रुख अपनाते हुए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सनवर पटेल के निर्देश पर राज्य की 15008 वक्फ कमेटियों के बैंक खाते अनिवार्य रूप से खोले जाएंगे, जिससे अब वक्फ संपत्तियों से जुड़ा सारा वित्तीय लेनदेन पारदर्शी और ऑनलाइन माध्यम से होगा।
वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता लाने की पहल
मध्यप्रदेश में लगभग 15 हजार वक्फ संपत्तियाँ पंजीकृत हैं, जिनके प्रबंधन की ज़िम्मेदारी अलग-अलग स्थानीय वक्फ कमेटियों पर है। अभी तक अधिकांश कमेटियों के पास बैंक खाता न होने के कारण वित्तीय लेन-देन नकद रूप में होता था, जिससे बड़े पैमाने पर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलती रही हैं। बोर्ड द्वारा की गई गहन पड़ताल में यह तथ्य सामने आया कि बिना बैंक खाते के कमेटियों द्वारा किया जा रहा प्रबंधन न केवल अपारदर्शी है, बल्कि इससे बोर्ड को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।
इस समस्या को सुलझाने के लिए बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सनवर पटेल ने अपनी टीम के साथ सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के ज़ोनल हेड और मैनेजमेंट से कई दौर की चर्चा की। इस प्रक्रिया में मध्यप्रदेश शासन के प्रमुख सचिव और वरिष्ठ अधिकारियों का भी सहयोग प्राप्त हुआ। इन प्रयासों का नतीजा यह रहा कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने बोर्ड के इतिहास में पहली बार अपनी सभी शाखाओं को निर्देशित करते हुए सर्कुलर जारी किया है कि वे वक्फ बोर्ड की वैधानिक कमेटियों के बैंक खाते प्राथमिकता से खोलें। वे सभी वक्फ कमेटियां जो अब तक तकनीकी या प्रक्रियागत कारणों से बैंक खाता नहीं खुलवा पा रही थीं, वे अब इस सर्कुलर के आधार पर अपने जिले की सेंट्रल बैंक शाखा में जाकर खाता आसानी से खोल सकेंगी। बोर्ड ने यह स्पष्ट किया है कि बैंक खाता खोलने के बाद सभी आर्थिक गतिविधियाँ उसी खाते के माध्यम से की जाएंगी, जिससे भविष्य में धन का दुरुपयोग रोका जा सकेगा और वक्फ संपत्तियों का लाभ समाज के हित में पारदर्शी रूप से प्रयोग किया जा सकेगा।

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