Header Ads Widget

Responsive Advertisement

Recent Updates

6/recent/ticker-posts

सद्गुरु की शरण में जाने से अहंकार रूपी जहर उतर जाता है...सद्गुरु मंगल नाम साहेब

सद्गुरु की शरण में जाने से अहंकार रूपी जहर उतर जाता है...सद्गुरु मंगल नाम साहेब
देवास। हाथ नहीं है, पांव नहीं है, आंख नही है, दांत नहीं है या कोई अंग भंग हो गया है तो भी चलेगा। लेकिन अगर श्वास नहीं है तो नहीं चलेगा। श्वास नहीं है तो सब व्यर्थ हो जाता है। श्वास के कंधे पर बैठकर ही दुनिया के हम गुण, अवगुण और दुर्गुणों को जन्म देते हैं। स्वांस के कंधे पर से उतरने वाले को श्मशान में ले जाकर जला देते हैं, या गाढ़ देते हैं। साहब सबका एक हैं। किसी से भेदभाव नहीं रखते। साहब की छत्रछाया में ही भले बुरे सब पल रहे हैं। साहब अहंकारों से रहित है। जो सबको अपना लेते हैं। अहंकार उनके पास ढूंढो तो नहीं मिलता है। ना। कोई लोभ, ना लालच। स्वांस के निकलते ही डंका बज जाता है। कि उसका तो निधन हो गया । जो सांस रूपी धन से रहित हो गया है। यह विचार सदगुरु कबीर सर्वहारा प्रार्थना स्थली सेवा समिति मंगल मार्ग टेकरी द्वारा आयोजित गुरुवाणी पाठ, गुरु शिष्य चर्चा में सद्गुरु मंगल नाम साहेब ने व्यक्त किए। उन्होंने आगे कहा कि साहब सीमाओं में खड़े होने वाले को देखते हैं, फिर भी वह अपनी सीमा कायम नहीं करते। क्योंकि साहब असीम ओर व्यापक है, उनको सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता।  आगे कहा कि सत्य सहज और मुक्त हैं। जो सत्य है वह सहज है और जो सहज है वह संसार की सभी झंझटों से मुक्त हैं। सहज आदमी को कहीं से भी उधार नहीं लेना पड़ता। जिस परिस्थिति में जो प्राप्त है। उन परिस्थितियों का सदुपयोग करना सीखो। सद्गुरु की शरण में जाने से। गुरु से संवाद करने पर अहंकार रूपी जहर उतर जाता है। क्योंकि सद्गुरु हमें सत्य सहज और मुक्त का मार्ग प्रशस्त करते हैं। सद्गुरु की शरण में जाए बिना जीवन में सहजता नहीं आ सकती। यह जानकारी सेवक वीरेंद्र चौहान ने दी।


Post a Comment

0 Comments

Join Our WhatsApp Group? for latest and breaking news updates...
Click here to join the group...