हरिशंकर परसाई जी की 101वीं जयंती स्कॉलर अकेडमी में मनाई
“परसाई जी समाजवादी भारत चाहते थे”
देवास। जयश्री नगर स्थित स्कॉलर अकेडमी में व्यंग्य सम्राट हरिशंकर परसाई जी की 101वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम के प्रारंभ में डॉ. शारदाप्रसाद मिश्र द्वारा परसाई जी का आकाशवाणी के लिए किया गया रेडियो इंटरव्यू (प्रथम भाग) सुनवाया गया, जो तीन भागों में उपलब्ध है और गूगल पर भी सुना जा सकता है। कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि हरिशंकर परसाई जी का साहित्य समाजवादी भारत की स्थापना का सपना दिखाता है। वे अंधविश्वास, रूढ़ियों और भेदभाव के कट्टर विरोधी थे। उनका दृष्टिकोण वैज्ञानिक और प्रगतिशील था। वे हिन्दी, उर्दू और अंग्रेज़ी के विद्वान थे तथा अमेरिकी पूंजीवाद और साम्राज्यवाद के विरोधी रहे। परसाई जी ने हमेशा शोषितों की सरकार की वकालत की और फासीवादी ताक़तों के खिलाफ बेख़ौफ़ लिखा। उन्होंने प्रेमचंद और गजानन माधव मुक्तिबोध को अपना गुरु माना और पुरुष-महिला समानता के प्रबल पक्षधर रहे। वे सती प्रथा और धर्म-जाति के आधार पर होने वाले भेदभाव के विरोधी थे। वक्ताओं ने कहा कि परसाई जी, प्रेमचंद और मुक्तिबोध जैसे प्रगतिशील साहित्यकारों का साहित्य की आज भारत को जरूरत है। कार्यक्रम में प्रगतिशील लेखक संघ के 18वें अधिवेशन के घोषणा-पत्र का भी वितरण किया गया और अपील की गई कि फासीवादी ताक़तों के ख़िलाफ़ खुलकर लिखें और बोलें, तभी देश में सुख, शांति और समृद्धि आएगी। कार्यक्रम में सेवानिवृत्त जस्टिस रामप्रसाद सोलंकी, सेवानिवृत्त प्रिंसिपल एस. एल. परमार, कॉमरेड ओमप्रकाश जी, राजुल श्रीवास्तव, संजीवनी कांत, प्रतिभा चंद्रकुमार, सिंघने मैडम, चक्रवर्ती जी, मनोहर श्रीवास, रवि भाई, मांगीलाल जी कजोड़िआ और कैलाश सिंह राजपूत सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। अंत में आभार प्रदर्शन प्रतिभा चंद्रकुमार द्वारा किया गया।

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