रसोईयों को तीन महीने से भुगतान नहीं, बच्चों के पोषण पर संकट
- मांगू पूरी नही होने पर 1 सितंबर से चूला बंद हडताल अनिश्चितकालीन हडताल पर जाने की दी चेतावनी
- महिला स्व-सहायता समूह संघ ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, कहा—जल्द राशि जारी हो, ठेका प्रथा बंद हो
देवास। मध्याह्न भोजन (पी.एम. पोषण आहार) और सांझा चूल्हा योजना के संचालन में आ रही दिक्कतों को लेकर महिला स्वयं सहायता समूह संघ (एम.डी.एम. साइ चूल्हा रसोइया संघ) ने मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन सौंपा। जिलाध्यक्ष श्रीमती ज्योति अर्जुन बैरागी के नेतृत्व में दिए गए ज्ञापन में बताया गया कि विगत तीन माह से भोजन पकाने की राशि जारी नहीं हुई है। आर्थिक तंगी से जूझ रसोइया बहनों और समूह संचालकों को बच्चों को मेन्यू के अनुसार पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। संघ ने कहा कि यदि समय पर भुगतान नहीं हुआ, तो 1 सितम्बर से स्वयं सहायता समूह एवं रसोई बहने अनिश्चितकालीन चूला बंद हडताल पर जाने को विवश होगी।
संघ की मुख्य माँगें है कि खाद्यान्न राशि और रसोइयों का वेतन समय पर उपलब्ध कराया जाए। उपस्थिति के आधार पर रसोइयों को हटाना बंद हो। सांझा चूल्हा की राशि हर माह नियमित रूप से समूह खाते में डाली जाए। कम शिक्षित महिलाओं को कागजी कार्य के नाम पर परेशान न किया जाए। नगर पंचायतों में ठेका प्रथा बंद की जाए। महिला रसोइयों को 12 माह का मानदेय कलेक्टर रेट से दिया जाए। संघ ने यह भी बताया कि शासन द्वारा कहा गया था कि जुलाई-अगस्त का गेहूँ एक साथ आया है, लेकिन न तो अनाज मिला और न ही अगस्त माह की कोई एंट्री हुई। महिला बाल विकास विभाग द्वारा रसोईया बहनों की विगत 6 माह से राशि (वेतन) का भुगतान नही हो पाया है, जिससे रसोईयों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड रहा है। महिला समूह ने मांग की कि गरीब बहनों की परेशानियों को देखते हुए लंबित राशि तुरंत जारी की जाए, ताकि योजना सुचारु रूप से चल सके और बच्चों को पौष्टिक भोजन समय पर मिल सके।
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