अधिवक्ता कभी भी सेवानिवृत्त नहीं होता : चीफ जस्टिस माहेश्वरी
देवास। विधि का व्यवसाय ही एकमात्र ऐसा व्यवसाय है, जिसमें अधिवक्ता कभी भी सेवानिवृत्त नहीं होता है, बल्कि वह उम्र के अंतिम पड़ाव तक वकालत कर पीडि़त पक्ष को न्याय दिलाने की क्षमता रखता है। यहां पर हमने जिन वरिष्ठ अधिवक्ताओं का सम्मान किया है, वे नए वकीलों के लिए प्रेरणा स्त्रोत है। उनके अनुभव का लाभ युवा वकीलों को लेना चाहिए। यह मेरे लिए खुशी की बात है कि जिस चैम्बर बिल्डिंग का मैंने भूमिपूजन किया था, आज उसी का लोकार्पण करने का भी अवसर मुझे प्राप्त हुआ है। उक्त उद्गार देवास अभिभाषक संघ द्वारा आयोजित प्लेटिनम जुबली के भव्य समारोह में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधिपति जे.के. माहेश्वरी ने व्यक्त किये। स्थानीय डागा पैलेस में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन से हुई। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधिपति संजीव सचदेवा, हाईकोर्ट इंदौर के न्यायाधीश विवेक रुसिया, न्यायमूर्ति जयकुमार पिल्लई, रजिस्ट्रार जनरल हाईकोर्ट इंदौर धरमिंदर सिंह व प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय प्रकाश मिश्र उपस्थित थे। अतिथियों का स्वागत अभिभाषक संघ के अध्यक्ष सहित कार्यकारिणी सदस्यों ने किया। तत्पश्चात स्वागत भाषण अध्यक्ष अशोक वर्मा ने देते हुए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि आज हमारे बीच इतनी महान हस्तियां उपस्थित होकर हमारा संबल बढ़ा रही है। इसके बाद अतिथियों द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता स्व. नारायणदास मूंदड़ा के नाम से निर्मित चैम्बर बिल्डिंग का वर्चुअल लोकार्पण किया गया। वहीं इस अवसर पर उन 17 वरिष्ठ अधिवक्ताओं का शाल, श्रीफल व प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मान किया गया, जिन्हें विधि व्यवसाय में 50 वर्ष पूर्ण हो चुके है। साथ ही कार्यक्रम में स्मारिका का विमोचन किया गया। कार्यक्रम को अन्य अतिथियों ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन सचिव अतुल पंड्या ने किया एवं आभार वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत बिपट ने माना। अतिथि परिचय रघुवीर यार्दी, दीपक नाईक, अभिषेक तिवारी, गरिमा श्रीवास्तव आदि ने दिया। कार्यक्रम में उज्जैन संभाग के आईजी उमेश जोगा, डीआईजी नवनीत भसीन, कलेक्टर ऋतुराज सिंह, पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद, संघ उपाध्यक्ष पंकज पंड्या, गीता शर्मा, दीपेंद्र सिंह तोमर, श्वेतांकराज शुक्ला सहित जिला न्यायालय में पदस्थ सभी न्यायाधीश, अधिवक्ता, प्रशासनिक अधिकारी आदि उपस्थित थे।

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