राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम्” की 150 वीं वर्षगाँठ,,
जिलास्तरीय "वंदे मातरम्" गायन कार्यक्रम देवास विधायक श्रीमती पवार के मुख्य आतिथ्य में मल्हार स्मृति मंदिर देवास में आयोजित हुआ,,,
जिला मुख्यालय के साथ सभी विकासखण्डों एवं तहसील मुख्यालय में भी हुआ ‘’वंदे मातरम्" गायन का आयोजन
देवास 07 नवम्बर 2025 [शकील कादरी] भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम्” की 150वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में देशभर में 07 नवम्बर 2025 से 07 नवम्बर 2026 तक वर्षभर विविध कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे। जिसके तहत जिला स्तर पर देवास विधायक श्रीमती गायत्री राजे पवार के मुख्य आतिथ्य में मल्हार स्मृति मंदिर देवास में "वंदे मातरम्" गायन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें “वंदे मातरम्” का सामूहिक एवं पूर्ण गायन किया गया। इस दौरान सभी उपस्थितजनों को राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई गई एवं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्रीय कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी देखा और सुना गया।
इस अवसर पर महापौर श्रीमती गीता अग्रवाल, सभापति श्री रवि जैन, श्री दुर्गेश अग्रवाल, श्री शीतल गेहलोद, श्री गणेश पटेल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, कलेक्टर श्री ऋतुराज सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री पुनीत गेहलोद, सीईओ जिला पंचायत श्रीमती ज्योति शर्मा, निगम आयुक्त श्री दलीप कुमार, अपर कलेक्टर श्री शोभाराम सोलंकी, एसडीएम श्री आनंद मालवीय, डिप्टी कलेक्टर श्री अभिषेक शर्मा, डिप्टी कलेक्टर सुश्री ऋतु चौरसिया सहित अधिकारी/कर्मचारीगण, पुलिस प्रशासन, नगरवासी एवं स्कूल/कॉलेज के विद्यार्थीगण उपस्थित थे। ‘’वंदे मातरम्" गायन का आयोजन जिला मुख्यालय के साथ-साथ सभी विकासखण्डों एवं तहसील मुख्यालय में भी हुआ।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम्” की 150वीं वर्षगाँठ पर वर्षभर चलने वाले कार्यक्रमों को चार चरणों में विभाजित किया गया है, जिसमें प्रथम चरण – 07 से 14 नवम्बर 2025 (शुभारंभ), द्वितीय चरण – 19 से 26 जनवरी 2026 (गणतंत्र दिवस विशेष), तृतीय चरण – 07 से 15 अगस्त 2026 (हर घर तिरंगा अभियान के साथ), चतुर्थ चरण – 01 से 07 नवम्बर 2026 (समापन सप्ताह) के रूप में मनाया जाएगा। इन आयोजनों में आम नागरिकों के साथ-साथ विद्यालय एवं महाविद्यालय के छात्र-छात्राएँ, जनप्रतिनिधि, शासकीय अधिकारी-कर्मचारी, पुलिसकर्मी, डॉक्टर्स, शिक्षक, व्यवसायी एवं विभिन्न सामाजिक संगठन सक्रिय रूप से भागीदारी करेंगे। यह निर्णय भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में इस गीत की अमूल्य भूमिका तथा इसकी स्थायी सांस्कृतिक विरासत के महत्व को रेखांकित करता है।

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