सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं - श्री हाड़ा
देवास। सरकार द्वारा नियम एवं कानून जनता के हित एवं रक्षा के लिए बनाए जाते है लेकिन उनका दुरूपयोग भी होता है और इस वजह से निर्दोष भी अगर उसे सही कानूनी सहायता नहीं मिले तो निर्दोष होकर भी उसे वह दण्ड व सजा भुगतना पड़ जाती है जो अपराध उसने नहीं किया हो। लेकिन सच्चाई की जीत होती है। ऐसे ही एक मामले में 24 नवंबर को देवास जिला न्यायालय की पॉस्को अदालत की विशेष न्यायाधीश सुश्री डॉ. महजबीन खान ने अप्राकृतिक कृत्य करने के आरोप में डेढ़ वर्ष से जेल में बंद आरोपी भेरूलाल पिता नग्गा जी थाना बीएनपी अंतर्गत ग्राम अजीतखेड़ी को धारा 377 भादवि के आरोप से तत्काल बरी करने का आदेश दिया। पॉस्को एक्ट की विशेष न्यायालय में सफलता पूर्वक पैरवी करते हुए अधिवक्ता रणजीत हाड़ा एवं जितेन्द्र पुरोहित ने आरोपी का पक्ष सटीक तरीके से रखा जिस पर न्यायालय ने यह माना की एफआईआर में 2 दिन के विलम्ब का कोई युक्ति युक्त कारण नहीं है तथा पीड़ित बालक उसकी माता व उसके पिता के प्रतिपरीक्षण में विरोधाभासी बयानो के कारण उक्त साक्ष्यो के साक्ष्य को विश्वसनीय नहीं माना। इसके अतिरिक्त मेडिकल साक्ष्य से भी अप्राकृतिक कृत्य की पुष्टि नहीं हुई । इस तरह सच्चाई की जीत हुई और घटना 14 फरवरी 2020 को होना बताई और एफआईआर 16 फरवरी 2020 को हुई थी जिसमें 9 वर्ष के बच्चे के साथ अप्राकृतिक कृत्य करने के आरोप में डेढ वर्ष से जेल में निरूद्ध निर्दोष व्यक्ति को न्यायालय ने तत्काल बरी करने के आदेश दिये। एडव्होकेट रणजीत हाड़ा एवं जितेन्द्र पुरोहित की मेहनत रंग लाई।
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