नेताजी सुभाष चन्द्र बोस और महात्मा गांधी के विचार भीन्न थे महात्मा गांधी जहां उदारवादी थे वही सुभाष चंद्र बोस जोशीले थे लेकिन वे जानते थे कि उनका और महात्मा गांधी का एक ही मकसद है देश की आजादी और इसी के लिए दोनों ने संघर्ष किया । बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आज देश की कुछ सांप्रदायिक शक्तियां हमारे इन महापुरुषों को हमसे अलग करना चाहती हैं जबकि उन्होंने कांग्रेस विचारधारा के साथ देश को एक माला में पिरो कर सबको साथ लेकर आजादी का मार्ग प्रशस्त किया उक्त विचार प्रदेश कांग्रेस महामंत्री प्रदीप चौधरी ने शहर कांग्रेस कार्यालय पर आयोजित नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर कांग्रेस जनों को संबोधित करते हुए कहे इसी के साथ कहा कि जब 1938 में सुभाष चंद्र बोस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष बने तब पहली बार उन्होंने अपने संबोधन में महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कह कर सम्बोधित किया था। स्वतंत्रता के आंदोलन के दौरान उन्होंने नारा दिया कि तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा इस नारे ने देश के लोगों में उत्साह भर दिया देश के कई युवाओं ने उनकी बनाई आजाद हिंद फौज में भाग लिया। आज के दिन हमें नेताजी के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए कि देश प्रेम और देश के प्रति समर्पण उनके जैसा होना चाहिए जिन्होंने जीवन के अंतिम क्षण तक देश की आजादी के लिए संघर्ष किया यही हमारी उनके प्रति सच्ची श्रद्धा होगी ,इसी के साथ कांग्रेस नेता अजित भल्ला चंद्रपाल सोलंकी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन कांग्रेस प्रवक्ता सुधीर शर्मा ने किया व आभार ब्लॉक अध्यक्ष दीपेश कानूनगो ने माना । सर्वप्रथम नेताजी सुभाष चंद्र बोस के चित्र पर माल्यार्पण किया वहीं उपस्थित कांग्रेस जनों ने अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए नेताजी सुभाष चंद्र बोस अमर रहे के नारे से आकाश गुंजा दिया इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता पंडित जयप्रकाश शास्त्री विक्रम पटेल नजर शेख़ डॉ सुरेश शर्मा महेश राजपूत संतोष मोदी जाकिर उल्ला शेख राजेश जयसवाल निलेश वर्मा सुनील शुक्ला राजेश एरवाल मिर्जा कदीर बैग जय प्रकाश मालवीय जितेंद्र तालोट देवेंद्र चौहान जितेंद्र मालवीय रितेश सीहोते संजय रैकवार उपस्थित थे ।
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