कायस्थ महासभा द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया
देवास। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा देवास द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रकृति के संतुलन को बनाने के लिए जागरूकता अभियान के अंतर्गत विभिन्न प्रजातियों के पौधे महिलाओं को गोद दिए जाकर बताया गया कि इनकी देखरेख बच्चों की तरह कर इन्हें बड़ा करना है। क्योंकि वृक्ष साक्षात देवता होते हैं यह जीवन भर आपको किसी न किसी रूप में कुछ ना कुछ देते हैं। कार्यक्रम की संयोजिका रश्मि श्रीवास्तव रही। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा की जिला अध्यक्ष शशि खरे ने बताया कि यह कार्यक्रम प्रदेश अध्यक्ष बीना सक्सेना जी के दिशा निर्देश पर देवास जिले में महिला प्रकोष्ठ के द्वारा आयोजित किया गया है। विश्व के पर्यावरण को संतुलित बनाने के लिए हमें जहां भी रिक्त भूमि मिले वही पौधारोपण करना चाहिए पौधारोपण और पौधे का पालन पोषण करना भगवान की पूजा करने के बराबर है जो हमें ही नहीं पूरी प्रकृति को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभ देते हैं। एक पौधा अपने जन्म से मृत्यु संपूर्ण प्रकृति को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कई रूपों में लाभ प्रदान करता है जिसकी कीमत लाखों में होती है जो आपकी तरफ से प्रकृति को दान होता है। वृक्ष साक्षात देवता होते हैं हमें इनकी सुरक्षा संरक्षण और विकास पर विशेष ध्यान देना चाहिए यह हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है आपने बताया कि यह पुनीत कार्य कायस्थ समाज का नहीं बल्कि सर्व समाज का अभियान है जिसे हम सबको मिलकर पूरा करना है। जिला अध्यक्ष अशोक निगम ने बताया की पौधा हमारे जीवन के लिए महत्वपूर्ण अंग है इसको अधिक से अधिक लगाएं और इसका संरक्षण करे। कायस्थ समाज के संरक्षक पी डी सक्सेना एवं शैलेश कानूनगो द्वारा वृक्षों के महत्व को समझाया गया। कार्यक्रम में कायस्थ समाज के साथ-साथ सर्व समाज के लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया जिसमें पर्यावरण प्रेमी विभा दुबे, रितु सावनेर, श्री पोरवाल, लोकेंद्र ठाकरे ने भी इस अवसर पर जन समुदाय को पर्यावरण विषयक विचार व्यक्त किए । इनके साथ साथ कई महिला और पुरुषों ने कार्यक्रम में भाग लिया और पौधों को गोद लिया गया। कार्यक्रम में 101 पौधों का वितरण कर गोद दिए गए पौधों की व्यवस्था और प्रजातियों का चयन युवा प्रकोष्ठ के कार्यकारी प्रांत अध्यक्ष पवन श्रीवास्तव द्वारा किया गया।कार्यक्रम में पी दी सक्सेना, विशाल सक्सेना, पवन प्रियंका श्रीवास्तव, नरेश छाया कानूनगो, अनूप रश्मि श्रीवास्तव, बालकृष्ण श्रीवास्तव, दिलीप अलका निगम, शैलेश कानूनगो , ममता दिलीप वर्मा, सुनील श्रीवास्तव, शुभम खरे, दीपक श्रीवास्तव, रोहन श्रीवास्तव, जितेंद्र सीता श्रीवास्तव, आशुतोष अनुपमा श्रीवास्तव, लीला सक्सेना, ममता श्रीवास्तव, उमाशंकर शोभा श्रीवास्तव, अजय श्रीवास्तव, दीपक श्रीवास्तव, संतोष श्रीवास्तव, निमेष श्रीवास्तव, मनोज श्रीवास्तव आदि समाज जन ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन प्रदीप खरे ने नुक्कड़ नाटक की तरह गीत आदि प्रस्तुत कर किया।
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