श्री शिव छत्रपति गणेश मंडल में प्रथम दिवस हुई ओडिसी नृत्य की प्रस्तुति
देवास। श्री शिव छत्रपति गणेश मंडल के दो दिवसीय संस्कृत कार्यक्रमों का के अंतर्गत प्रथम दिवस प्रथम दिवस आर्य नंदी जो ओडिसी नृत्य शैली की एक उभरती हुई कुशल नृत्यांगना है को उत्कृष्ट कला अलंकरण से सम्मानित किया गया। उन्होंने सर्वप्रथम गणेश स्तुति के बाद जगन्नाथ संवाद, वात्सल्य, प्रेम व क्रोध का बहुत ही सुन्दर चित्रण किया। दुर्गा तांडव के प्रदर्शन में असुर संहार की कहानी असरदार थी। ओडिसी नृत्य के साथ ही घुंघरू नृत्य अकादमी की शिष्याओं द्वारा श्री रामचंद्र बाल्यकाल स्तुति, शुद्ध कत्थक में बसंत राग पर आधारित तराना, ठुमरी आन मिलो सजना व तराना वरनी- करनी जो मराठी बोलों पर आधारित है का प्रभावशाली प्रदर्शन किया। द्वितीय दिवस की शुरुआत घुंघरू नृत्य अकादमी की शिष्याओं द्वारा श्री गणेश वंदना से हुई फिर धवल जोशी, पूने द्वारा बांसुरी वादन की प्रस्तुति दी गई। उन्होंने क्लासिकल से शुरुआत करके हिंदी व मराठी भजनों पर आधारित बहुत ही सुंदर धुनें प्रस्तुत की। उनकी कुमार गंधर्व के निर्गुण भजन की प्रस्तुति बहुत ही सराहनीय रही। तबले पर संगत तुकाराम जाधव ने की। इसके बाद कराओके क्लब देवास के सदस्यों द्वारा क्लासिकल सुमधुर गीतों की मनभावन प्रस्तुति दी गई। इस तरह श्री शिव छत्रपति गणेश मंडल के समारोह का सफलतापूर्वक समापन हुआ जिसे दर्शकों की बहुत सराहना मिली।
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