पद्मजा स्कूल का 38 वां वार्षिकोत्सव हर्षोल्लास के साथ संपन्न
देवास: पद्मजा स्कूल का 38 वां वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम में शाला के विद्यार्थियों ने नृत्य एवं नाटकों के माध्यम से अपनी बहुमुखी प्रतिभा का परिचय दिया। लगभग 400 विद्यार्थियों ने संस्कृति के विविध रंगों को अपनी प्रस्तुतियों में उपस्थित अतिथियों के समक्ष रखा | कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती मंदिर में दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण से हुई। छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किये गए। विभिन्न कक्षाओं के विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न राज्यों की लोक संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए लोकप्रिय गीतों जैसे देवा श्रीगणेशा, माधव म्हारा, रणछोड़ रंगीला, रघुकुल रीत, रमति आओ, जयकाल महाकाल आदि पर मनमोहक नृत्यों की प्रस्तुतियां दी गई। कक्षा 11 वी की छात्राओं ने महाभारत पर आधारित नृत्य नाटिका प्रस्तुत की। खेलों के महत्व को प्रदर्शित करती एक प्रस्तुति आकर्षण का केंद्र रही। कक्षा चौथी के बच्चों ने आदिवासी जंगल रखवाला गीत के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का सन्देश दिया।
प्री-प्राइमरी कक्षाओं के नन्हे बच्चों ने स्कूल का रस्ता, चक्के पे चक्का, पढोगे लिखोगे, लुक-छुप जाना आदि गीतों पर अपने मोहक नृत्यों से सभागार में उपस्थित दर्शको का मन मोह लिया। कक्षा नर्सरी से चौथी तक की प्रस्तुतियाँ शिक्षिकाओं के मार्ग दर्शन में तैयार की गई एवं कक्षा 6 से 11 वी तक की प्रस्तुतियाँ विद्यार्थियों द्वारा पूर्व में अपने प्रशिक्षण के आधार पर स्वयं तैयार की गई। एक नाटक के माध्यम से ड्रग्स, धूम्रपान आदि व्यसनों की सामाजिक बुराई के विरुद्ध सन्देश दिया गया। एक अन्स नाटक में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के बढ़ते दायरे का युवा वर्ग पर प्रभाव दर्शाया गया। महिला सुरक्षा एवं पीढ़ी परिवर्तन के नाटकों को भी दर्शकों का अच्छा प्रतिसाद मिला । शाला रिपोर्ट का वाचन श्री विकास देशमुख द्वारा किया गया। प्राचार्या डॉ. श्रीमती कोमल जैन ने अपने उद्बोधन में पालकों को बच्चों के लालन पोषण में अनुशासन के महत्व से अवगत कराया। साथ ही डॉ जैन ने पद्मजा स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में अर्जित उपलब्धियों को सभी के समक्ष रखा। गत वर्ष की कक्षा दसवीं एवं बारहवीं के 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को सम्मान पत्र एवं नगद पारितोषिक देकर सम्मानित किया गया। इसी प्रकार मिनी गोल्फ खेल में राष्ट्रीयस्तर पर मध्य प्रदेश टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाडियों का भी प्रमाण-पत्र व नगद पारितोषिक देकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम के अंत में उप प्राचार्य श्री स्मृप्निल जैन ने अपने उद्बोधन में विद्यार्थियों से भविष्य में आने वाली चुनौतियों के लिए स्वयं को सभी प्रकार से तैयारी करने का मार्गदर्शन दिया। श्री जैन ने पालकों को भी सूचना प्रौद्योगिकी के इस युग में बच्चों के साथ उचित सामंजस्य बैठाने की सलाह दी। साथ ही कार्यक्रम में विद्यार्थियों के प्रयासों को सराहते हुए अतिथियों का आभार व्यक्त किया। प्राचार्या एवं उप प्राचार्य ने कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए समस्त स्टाफ़ सदस्यों एवं कर्मचारियों को बधाई प्रेषित की। कार्यक्रम का संचालन खुशबू दुबे, जाह्नवी चौधरी और जाग्रति मांड्रेकर द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में शशिकांत नकसवाल, हिमांशु जैन, अपूर्वा प्रचंड एवं प्रतीक्षा वर्मा का उल्लेखनीय योगदान रहा। कार्यक्रम का समापन जन गण मन के साथ हुआ ।
प्री-प्राइमरी कक्षाओं के नन्हे बच्चों ने स्कूल का रस्ता, चक्के पे चक्का, पढोगे लिखोगे, लुक-छुप जाना आदि गीतों पर अपने मोहक नृत्यों से सभागार में उपस्थित दर्शको का मन मोह लिया। कक्षा नर्सरी से चौथी तक की प्रस्तुतियाँ शिक्षिकाओं के मार्ग दर्शन में तैयार की गई एवं कक्षा 6 से 11 वी तक की प्रस्तुतियाँ विद्यार्थियों द्वारा पूर्व में अपने प्रशिक्षण के आधार पर स्वयं तैयार की गई। एक नाटक के माध्यम से ड्रग्स, धूम्रपान आदि व्यसनों की सामाजिक बुराई के विरुद्ध सन्देश दिया गया। एक अन्स नाटक में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के बढ़ते दायरे का युवा वर्ग पर प्रभाव दर्शाया गया। महिला सुरक्षा एवं पीढ़ी परिवर्तन के नाटकों को भी दर्शकों का अच्छा प्रतिसाद मिला । शाला रिपोर्ट का वाचन श्री विकास देशमुख द्वारा किया गया। प्राचार्या डॉ. श्रीमती कोमल जैन ने अपने उद्बोधन में पालकों को बच्चों के लालन पोषण में अनुशासन के महत्व से अवगत कराया। साथ ही डॉ जैन ने पद्मजा स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में अर्जित उपलब्धियों को सभी के समक्ष रखा। गत वर्ष की कक्षा दसवीं एवं बारहवीं के 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को सम्मान पत्र एवं नगद पारितोषिक देकर सम्मानित किया गया। इसी प्रकार मिनी गोल्फ खेल में राष्ट्रीयस्तर पर मध्य प्रदेश टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाडियों का भी प्रमाण-पत्र व नगद पारितोषिक देकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम के अंत में उप प्राचार्य श्री स्मृप्निल जैन ने अपने उद्बोधन में विद्यार्थियों से भविष्य में आने वाली चुनौतियों के लिए स्वयं को सभी प्रकार से तैयारी करने का मार्गदर्शन दिया। श्री जैन ने पालकों को भी सूचना प्रौद्योगिकी के इस युग में बच्चों के साथ उचित सामंजस्य बैठाने की सलाह दी। साथ ही कार्यक्रम में विद्यार्थियों के प्रयासों को सराहते हुए अतिथियों का आभार व्यक्त किया। प्राचार्या एवं उप प्राचार्य ने कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए समस्त स्टाफ़ सदस्यों एवं कर्मचारियों को बधाई प्रेषित की। कार्यक्रम का संचालन खुशबू दुबे, जाह्नवी चौधरी और जाग्रति मांड्रेकर द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में शशिकांत नकसवाल, हिमांशु जैन, अपूर्वा प्रचंड एवं प्रतीक्षा वर्मा का उल्लेखनीय योगदान रहा। कार्यक्रम का समापन जन गण मन के साथ हुआ ।

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