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"सफलता की कहानी"आजीविका मिशन के स्व सहायता समूह से जुड़ने के पश्चात श्रीमती गीता मालवीय के जीवन में आए उल्लेखनीय बदलाव------------स्व सहायता समूह के माध्यम से ऋण लेकर किराना दुकान, जनरल स्टोर, फोटोकॉपी दुकान का कार्य किया प्रारंभ, प्रतिमाह 12 हजार रुपए से अधिक आय कर रही है अर्जित

सफलता की कहानी
आजीविका मिशन के स्व सहायता समूह से जुड़ने के पश्चात श्रीमती गीता मालवीय के जीवन में आए उल्लेखनीय बदलाव
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स्व सहायता समूह के माध्यम से ऋण लेकर किराना दुकान, जनरल स्टोर, फोटोकॉपी दुकान का कार्य किया प्रारंभ, प्रतिमाह 12 हजार रुपए से अधिक आय कर रही है अर्जित
देवास, 26 मई 2025/ मध्यप्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही है। इन योजनाओं से जुड़कर एवं लाभ पाकर महिलाएं सशक्त होकर सफलता की नई इबारत लिख रही है। शासन की यह योजनाएं महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। महिलाएं आजीविका मिशन से जुड़कर न केवल स्वयं सशक्त हो रही हैं बल्कि अपने परिवार का आर्थिक स्तर भी ऊंचा उठा रही है। इन्हीं महिलाओं में सोनकच्छ विकासखंड के ग्राम गंजपुरा की स्व सहायता समूह की श्रीमती गीता मालवीय है, जिन्होंने स्व सहायता समूह के माध्यम किराना दुकान, जनरल स्टोर एवं फोटोकॉपी का कार्य प्रारंभ किया और सफलता की नई इबारत लिखी। महिलाओं को सफलता की ऊंचाई प्रदान करने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए हितग्राही श्रीमती गीता मालवीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को हृदय से धन्यवाद दे रही है।
स्व सहायता समूह की श्रीमती गीता मालवीय ने बताया कि वे सोनकच्छ विकासखंड के ग्राम गंजपुरा की रहने वाली है। उनके परिवार पति व बच्चों सहित चार सदस्य है। वे बताती है कि वे कक्षा 5वीं तक पढ़ी है। समूह से जुड़ने से पूर्व वे ग्राम में मजदूरी करती थी और अपने परिवार का भरण पोषण करती थी और साथ ही अपने पति के काम में भी मदद करती थी। वे बताती हैं कि उनकी आमदानी का कोई स्थाई स्त्रोत नहीं था। उन्हें समूह की महिलाओं ने आजीविका मिशन के बारे में जानकारी दी और मीटिंग में बुलाया। मीटिंग में स्व सहायता समूह से जुड़ने के फायदों के बारे में बताया। मीटिंग में बताया गया कि शासन द्वारा आजीविका मिशन के माध्यम से स्व सहायता समूह बनाए जा रहे हैं जिसमें 10 से 15 महिलाओं का एक समूह बनाया जाता है फिर उस का खाता बैंक में खुलता है। जिसमें समूह की सदस्य अपनी बचत करती है, जिसमें समूह की सदस्यों को शासन की योजना का लाभ मिलता है। 
वे बताती हैं कि वे समूह की मीटिंग के पश्चात उन्होंने समूह से जुड़ने का फैसला लिया और समूह से जुड़ी उनके समूह का नाम पूजा आजीविका मिशन स्व सहायता समूह है। ग्राम संगठन का नाम गंजपुरा आजीविका मिशन संकुल संगठन है। उनके सीएलएफ का नाम पुष्पगिरी शक्ति संकुल संगठन है। समूह से जुड़ने के पश्चात उन्होंने समूह के माध्यम से प्रथम ऋण एक लाख रुपए मिले। इस राशि से उन्होंने अपने पति के लिए किराना दुकान के साथ में जनरल स्टोर का कार्य प्रारंभ किया। किराना दुकान से उन्हें महीने की 8000 से 9000 रुपए तक की आय होने लगी। 
श्रीमती मालवीय बताती हैं कि आजीविका गतिविधियों के माध्यम से उन्हें स्वयं की 04 बीघा कृषि भूमि, 09 बीघा जमीन भी लीज पर रखी है एवं किराना दुकान, कृषि एवं बकरी पालन आदि से मासिक आय 12000 रुपए से से अधिक होती है। इसके साथ ही उन्होंने आजीविका मिशन के माध्यम से समूहों की अवधारणा, नलजल और आनलाइन सहित अन्य कई प्रकार के प्रशिक्षण प्राप्त किये है। वे बताती हैं कि शासन की योजनाओं का भी लाभ प्राप्त हो रहा है। जिसमें लाड़ली बहना योजना से 1250 रुपए प्रतिमाह प्राप्त हो रहे हैं। साथ ही उन्हें प्रतिमाह राशन प्राप्त होता हैं। उन्होंने आयुष्मान कार्ड भी बनवाया हैं। वे बताती हैं कि उनका भविष्य का सपना हैं कि वे अपनी किराना दुकान में और समान बढ़ाकर अपने व्यवसाय को विकसित चाहती हैं। महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पुन: हृदय से आभार व्यक्त कर धन्यवाद दे रही हैं।

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