देवास: आयुष मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (NCISM) के दिशा-निर्देशों के तहत, आगामी 23 सितम्बर को मनाए जाने वाले 10वें राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस की तैयारियाँ पूरे देश में जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। इसी क्रम में 18 सितंबर, 2025 को 10 वें आयुर्वेद दिवस के उपलक्ष्य में, अमलतास इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद ने आयुर्वेद के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए एक रैली का सफल आयोजन किया। इस कार्यक्रम में कॉलेज के प्रथम वर्ष के छात्रों और शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
यह रैली आयुर्वेद को दैनिक जीवन में अपनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से निकाली गई थी। प्रतिभागियों ने 'आयुर्वेद अपनाएं,स्वस्थ जीवन पाएं', 'स्वस्थ जीवन का आधार, आयुर्वेद ही है उपचार' जैसे नारे लगाए। रैली का मुख्य उद्देश्य आधुनिक जीवन शैली में भी आयुर्वेद की प्रासंगिकता को उजागर करना था।
इस अवसर पर, संस्थान के संस्थापक श्री सुरेश सिंह भदौरिया ने कहा, "यह रेली सिर्फ एक रैली नहीं, बल्कि आयुर्वेद के सिद्धांतों को जन-जन तक पहुँचाने का एक प्रयास है। हम युवाओं को आयुर्वेद के पारंपरिक ज्ञान से जोड़कर एक स्वस्थ और समृद्ध समाज का निर्माण करना चाहते हैं।"
इस आयोजन में अमलतास ग्रुप के डायरेक्टर डॉ. अभिजीत तायडे,अमलतास विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. शरदचंद्र वानखेड़े, रजिस्टार संजय रामबोले, प्रबंधक डॉ. मनीष शर्मा , विकास मंडत प्राचार्या डॉ. अनिता घोड़के एवं सभी शिक्षक गण,छात्र एवं स्टाफ उपस्थित थे
इस अवसर पर अमलतास आयुर्वेदिक कॉलेज के चेयरमैन, श्री मयंक राज सिंह भदौरिया ने कार्यक्रम की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “हमें गर्व है कि हम आयुष मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए आयुर्वेद के इस महापर्व की शुरुआत कर रहे हैं। मैं अपने सभी छात्रों, शिक्षकों और स्टाफ को उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए बधाई देता हूँ, जिन्होंने इस कार्यक्रम को सार्थक बनाया। हमारा लक्ष्य आयुर्वेद के ज्ञान को अगली पीढ़ी तक पूरी प्रामाणिकता के साथ पहुँचाना है।”

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