विक्रांत क्लब ने शहर में निकाली भव्य चुनरी यात्रा, संघ के शताब्दी वर्ष में विशेष झांकी बनी आकर्षण का केंद्र
देवास। विक्रांत क्लब के तत्वाधान में नगर में भव्य चुनरी यात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस यात्रा की विशेषता रही विभिन्न समाजों की आकर्षक झांकियाँ एवं अखाड़े, जिन्होंने यात्रा को अद्भुत और भव्य स्वरूप प्रदान किया।
चुनरी यात्रा में महिलाओं और पुरुषों के पारंपरिक अखाड़ों के साथ-साथ सिख समाज का अखाड़ा विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। वहीं, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को समर्पित झांकियों में माँ महिषासुर मर्दिनी, महाराणा प्रताप जी के पराक्रम, सवारियां सेठ जी एवं भगवान शीलानाथ महाराज जी की झांकियों ने सभी श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। क्लब द्वारा इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के आगमन पर एक विशेष झांकी भी यात्रा के दौरान प्रस्तुत की गई, जिसने यात्रा को ऐतिहासिक महत्व प्रदान किया। साथ ही क्लब द्वारा देश के वीर जवानों और खिलाडिय़ों का सम्मान कर देशभक्ति और खेल भावना का संदेश भी दिया। विक्रांत क्लब अध्यक्ष विशाल रघुवंशी ने उद्बोधन में कहा कि इतिहास गवाह है कि कुछ क्षण जीवन में बार-बार नहीं आते इन्हीं क्षणों में शताब्दी संचालन उन्हीं क्षणों में से एक है यह एक ऐतिहासिक संयोग है कि हम सभी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष में प्रवेश के साक्षी बन रहे हैं। यह पल हम सभी के लिए गर्व का विषय है। चुनरी यात्रा में राजपूत करणी सेना मूल के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना, देवास विधायक श्रीमंत गायत्री राजे पवार, महाराज विक्रम सिंह पवार, जिलाध्यक्ष रायसिंह सेंधव, महापौर प्रतिनिधि दुर्गेश अग्रवाल, सभापति रवि जैन, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव खण्डेलवाल, करणी सेना प्रदेश अध्यक्ष सहेंद्र सिंह दिखित, भरत चौधरी, धर्मेन्द्र सिंह बैस, गणेश पटेल, जुगनू गोस्वामी, पार्षद राजेन्द्रसिंह ठाकुर, रघु भदोरिया, नवीन सोलंकी, देवेन्द्र नवगोत्री, सुरेश सिलोदिया, शुभम चौहान कई सहित कई गणमान्य जन मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। सयाजीद्वार से शुरू हुई यात्रा में शहर के मुख्य मार्गो से होते हुए पीठा रोड पहुंचकर सम्पन्न हुई। अंत में क्लब के सदस्यों ने माता टेकरी पहुंचकर माँ तुलजा भवानी-माँ चामुण्डा को चुनरी ओढाई। यात्रा का कई सामाजिक संस्थाओं के सयाथ नगरवासियों ने पूरे उत्साह और श्रद्धा से स्वागत किया, जगह-जगह स्वागत द्वार सजाए गए एवं पुष्प वर्षा की गई।

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