देवास:अमलतास विश्वविद्यालय (Amaltas University) ने परिसर में यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) की घटनाओं को रोकने और जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया। इस आयोजन का मुख्य फोकस महिलाओं और बालिकाओं को हिंसा से बचाने के लिए कानूनी और सामाजिक सहायता के बारे में जानकारी देना था।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में महिला एवं बाल विकास विभाग की काउंसलर डॉ. एकता जायसवाल शामिल हुईं। उनके साथ वरिष्ठ अधिकारी शिल्पा गहलोत और सपना मालवीय भी उपस्थित थीं।
मुख्य बिंदुओं पर चर्चा:
• रोकथाम पर ज़ोर: मुख्य अतिथियों ने यौन उत्पीड़न की घटनाओं की रोकथाम के उपायों पर विस्तार से चर्चा की और इसके सामाजिक व कानूनी पहलुओं को समझाया।
• वन स्टॉप सेंटर (One Stop Center) की जानकारी: डॉ. जायसवाल ने केंद्र प्रवर्तित 'वन स्टॉप सेंटर' योजना के तहत मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं और बालिकाओं को इस सेंटर पर एक ही स्थान पर अस्थायी आश्रय, पुलिस सहायता, विधिक सहायता, चिकित्सा, और काउंसलिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
इस महत्वपूर्ण आयोजन में अमलतास विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. शरदचंद्र वानखेड़े, रजिस्ट्रार श्री संजय रामबोले, प्रो डीन डॉ. आस्था नागर, तथा विभिन्न महाविद्यालयों की प्राचार्या - डॉ. संगीता तिवारी, डॉ. नीलम खान, डॉ. अंजलि पंड्या, और डॉ. स्नेहा सहाय -कार्यक्रम संचालन डॉ. शिल्पा बैस सहित विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थी और अधिकारीगण उपस्थित थे।
अमलतास विश्वविद्यालय के चेयरमैन श्री मयंक राज सिंह भदौरिया ने अपना संदेश देते हुए कहा, "अमलतास विश्वविद्यालय अपने हर छात्र, छात्रा और कर्मचारी के लिए एक सुरक्षित, सम्मानजनक और समावेशी वातावरण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसी कार्यशालाएं सिर्फ जागरूकता नहीं बढ़ाती हैं, बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि हम सुरक्षा के मामलों को कितनी गंभीरता से लेते हैं। किसी भी प्रकार की हिंसा या उत्पीड़न विश्वविद्यालय परिसर में स्वीकार्य नहीं है।"

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