देवास। सामाजिक कार्यकर्ता एवं प्रेम नगर पार्ट 2 निवासी गोपाल अग्रवाल ने महामहिम राष्ट्रपति महोदय एवं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, भारत सरकार को पत्र लिखकर शासकीय स्कूलों के बिजली बिल माफ करने की मांग की है।
पत्र में कहा गया है कि वर्तमान समय में शासकीय स्कूलों में भी छात्र-छात्राओं को टीवी व अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है। ऐसे में यदि समय पर बिजली बिल जमा न होने पर विद्युत कनेक्शन विच्छेद कर दिया जाता है तो यह छात्रों की पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। उन्होंने तर्क दिया कि जब जनता को बिजली बिल पर सब्सिडी दी जा रही है, किसानों को खाद और गैस पर सब्सिडी मिल रही है, तो शासकीय स्कूलों को भी बिजली बिल से मुक्त किया जाना चाहिए। चूंकि स्कूलों के पास कोई निजी बजट नहीं होता, इसलिए शिक्षा उपकर की राशि का उपयोग बिजली बिल भुगतान हेतु किया जा सकता है। श्री अग्रवाल ने मांग की है कि शासन शासकीय स्कूलों में दिए जाने वाले बिजली बिल की राशि को सब्सिडी के रूप में वहन करे और इसे शून्य कर छात्रों व शिक्षण संस्थानों के हित में ठोस कदम उठाए।

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