प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, देवास में फाउंडर्स डे का आयोजन किया गया
देवास। 17 सितम्बर 2025 प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, देवास में आज बड़े हर्ष और उल्लास के साथ प्रेस्टीज ग्रुप का फाउंडर्स डे मनाया गया। प्रेस्टीज ग्रुप के फाउंडर चेयरमैन, पद्मश्री डॉ. नेमनाथ जैन के 94 वें जन्मदिन का स्वर्णिम अवसर भी था ।
इस अवसर का लाभ लेते हुए संस्थान के निदेशक प्रो. डॉ. आर.के. जैन ने पद्मश्री डॉ. नेमनाथ जैन के जीवन की संघर्षपूर्ण यात्रा को केस स्टडी के रूप में तीन भागों में विद्यार्थियों के समक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार कठिन संघर्षों और अथक परिश्रम से पद्मश्री डॉ. नेमनाथ जैन ने प्रेस्टीज की नींव रखी, जो आज राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक विशाल शैक्षिक साम्राज्य का रूप ले चुकी है। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती पूजन और वंदे मातरम् के साथ की गई, जिसके माध्यम से ज्ञान की देवी एवं मातृभूमि के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की गई। इसके पश्चात् संस्थान की होनहार छात्रा संस्कृति कराड़िया ने गणेश वंदना की सुंदर नृत्य प्रस्तुति दी। इसके उपरांत विद्यार्थियों को पद्मश्री डॉ. नेमनाथ जैन की ग्राउंड टू ग्लोरी जीवन यात्रा पर आधारित एक प्रेरणादायी वीडियो भी प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए संस्थान के निदेशक प्रो. डॉ. आर.के. जैन अपने उद्बोधन में कहा कि पद्मश्री डॉ. नेमनाथ जैन का संपूर्ण जीवन हम सबके लिए प्रेरणास्रोत है। उनकी शक्ति और संकल्पबद्धता हमारे लिए सीखने का महत्वपूर्ण स्रोत है। उन्होंने अपने प्रेस्टीज से जुड़े अनुभवों को भी साझा किया और कहा कि पद्मश्री डॉ. नेमनाथ जैन की दूरदर्शिता और नेतृत्व क्षमता ने ही इस संस्थान को शिक्षा के क्षेत्र में एक नई पहचान दिलाई है। उन्होंने पद्मश्री डॉ. नेमनाथ जैन की जीवन यात्रा से मिलने वाली महत्वपूर्ण शिक्षाओं पर प्रकाश डाला, जैसे दृसदैव अहंकाररहित रहना, अर्न बाय लर्न लर्न बाय अर्न, हारने का सूत्र जानना आवश्यक है, यथार्थवादी सपनों को देखना, और सबसे महत्वपूर्ण अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलकर ही बड़े लक्ष्यों को पाना। इसके बाद डॉ. योगेंद्र सिंह रजावत ने पद्मश्री डॉ. नेमनाथ जैन के जीवन पर आधारित वीडियो से संबंधित एक पैनल गेम का आयोजन किया, जिसमें विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया। इसी क्रम में डॉ. अशुतोष व्यास ने पद्मश्री डॉ. नेमनाथ जैन के व्यक्तित्व और गुणों को अपनी स्वरचित कविता के माध्यम से व्यक्त किया। वरिष्ठ सहप्राध्यापक विकास शर्मा ने अपने प्रेजेंटेशन के माध्यम से पद्मश्री डॉ. नेमनाथ जैन से संबंधित दस शिक्षाओं को साझा किया और बताया कि आज के संदर्भ में इन शिक्षाओं का विद्यार्थियों के जीवन में क्या महत्त्व है। इसके उपरांत प्रियल करंदीकर ने सभी फैकल्टीज, स्टाफ और विद्यार्थियों को यह शपथ दिलाई कि वे सदैव पद्मश्री डॉ. नेमनाथ जैन के सिद्धांतों पर चलकर समाज और देश की सेवा के लिए तत्पर रहेंगे। रितिका शर्मा ने सभी का आभार माना । कार्यक्रम का संचालन डॉ. ज्योत्सना सोनी ने किया।
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