स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए कानून बने --सुरेश शर्मा
देवास:नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्टस (इंडिया) राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक विजयवाड़ा आंध्र प्रदेश में आयोजित हुई। पेन जाप जनरलिस्ट ने बैठक का आयोजन किया था। दो दिनी इस बैठक ने पत्रकारिता संबंधित समस्याओं को रखा गया एवं उनके मुद्दों पर चर्चा की गई। प्रमुख रुप से 19 (1) A के अंतर्गत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को मौलिक अधिकार के रूप में दिया गया है लेकिन पत्रकारिता की अलग से व्याख्या करने की बजाय उसी में शामिल किया गया हुआ है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में पत्रकारिता का अलग उल्लेख किया इस संबंध में प्रतिवेदन पेश किया गया। मीडिया दूसरे लोगों की अभिव्यक्ति को स्थान देता है इसकी व्याख्या करने की जरूरत है। चौथा स्तंभ होने के कारण कुछ मूलभूत सुविधाएं दिए जाने की भी जरूरत है । लोकतंत्र की शक्ति खबरपालिका की आजादी पर ही निर्भर है। चौथा बाकी तीन स्तंभ के मुकाबले कुछ सुविधाओं से वंचित रहता है उन्हें समान अधिकार दिलाने के साथ पत्रकारों के बीमा पेंशन, रेलवे सुविधाएं, टोल नाके, महिला पत्रकारिता की समस्या जैसे विषयों पर मंथन किया गया।
मुख्य अतिथि नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्टस (इंडिया) के अध्यक्ष सुरेश शर्मा ने कहा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हमें मौलिक अधिकार के रूप में सविधान में मिली है हम सब इसका सम्मान करते हैं। पंडित नेहरु से लगाकर अटल जी तक सभी प्रेस की स्वतंत्रता के पक्षधर रहे हैं। पत्रकारिता में अभिव्यक्ति स्वयं के लिए नहीं होकर इसी अन्य की अभिव्यक्ति का मार्ग देती है। इसलिए सविधान अनुच्छेद19 (१)A में पत्रकारिता की अभिव्यक्ति को अलग से उल्लेखित किया जाना चाहिए। साथ ही राष्ट्रीय महासचिव त्रियुग नारायण तिवारी ने मीडिया के निष्पक्ष होने के मुद्दे पर विचार वक्त किए। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमेश चतुर्वेदी ने कहा कि मीडिया की यह जिम्मेदारी बनती है कि संवेदनशील स्थितियों में समाज की अखंडता को बनाए रखने के लिए बेमतलब और तर्कहीन हिना सूचना को समाज में फैलाने से बचाना चाहिए। अन्य उपाध्यक्ष कविता राज ने कहा कि महिलाओं को सम्मान अधिकार दर्जा दिया जाना चाहिए। साथ ही पत्रकारिता में महिलाओं का प्रतिनिधित्व होना जरूरी है। इस बैठक में पूर्व अध्यक्ष अशोक मलिक, रवींद्र वाजपेई, पुरुषोत्तम, राकेश प्रवीर ,राजीव शुक्ला , हरेश वशिष्ठ, बलदेव शर्मा, सर्वेश कुमार सिंह, नागेश्वर राव, दीपक वशिष्ठ, चेतन अग्रवाल, सौरभ दुग्गल एवं 19 राज्य इकाई से आए सदस्यों ने पत्रकारिता में पत्रकारों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने मुद्दों पर चर्चा की।
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया महिला विंग की बैठक संयोजक श्रीमती आभा निगम की अध्यक्षता में हुई। जिसमें पत्रकारिता क्षेत्र में महिला पत्रकारों के साथ वेतन भेदभाव, नेतृत्व की भूमिका में कम प्रतिनिधित्व, कार्यस्थल पर उत्पीड़न और यौन हिंसा, ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह के हमलों का सामना आदि विषयों पर चर्चा की गई। महिला प्रतिनिधित्व के रूप में सूमो लता ने कहा बच्चे की परवरिश के साथ केरियर को संतुलित करना, विशेष रुप से फिल्ड रिपोर्टिंग में बड़ी समस्या है। पत्रकारिता में महिलाओं से जुड़े गम्भीर मुद्दों पर चर्चा की इस उपलक्ष्य पर बैठक में राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य सुमलता, अनुषा, वैशाली साहित्या, नागाश्री अठाहरी, आदि वरिष्ठ महिला पत्रकार उपस्थित रही।
जर्नलिट्स एसोसिएशन ऑफ आंध्र प्रदेश के समस्त पदाधिकारी द्वारा विशेष क्षेत्रों से प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। देश भर से आए विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ पत्रकारों को भी सम्मानित किया गया। अंत में आभार आयोजक बड़े प्रभाकर द्वारा व्यक्त किया गया।

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