देवास अभिभाषक संघ मनाएगा प्लेटिनम जुबली समारोह 11 अक्टूबर को, न्याय जगत होगा शामिल,,,
प्रेस वार्ता में संघ अध्यक्ष वर्मा ने दी जानकारी
देवास। देवास जिला अभिभाषक संघ के गौरवशाली 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में प्लेटिनम जुबली समारोह का भव्य आयोजन आगामी 11 अक्टूबर 2025, शनिवार को दोपहर 3:30 बजे से डागा पैलेस, देवास में किया जा रहा है। इस ऐतिहासिक अवसर पर देश के न्याय जगत की कई प्रतिष्ठित विभूतियाँ देवास में एक साथ उपस्थित होंगी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधिपति श्री जितेंद्र कुमार माहेश्वरी पधारेंगे। उनके साथ मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति श्री संजीव सचदेवा, इंदौर खंडपीठ के प्रशासनिक न्यायाधीश श्री विवेक कुमार रूसिया एवं पोर्टफोलियो न्यायमूर्ति श्री जयकुमार पिल्लई भी समारोह की शोभा बढ़ाएंगे। साथ ही जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अजय कुमार मिश्रा, जो संघ के संरक्षक भी हैं, विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर जिला न्यायालय देवास में निर्मित ‘एन. डी. मूंदड़ा लॉयर्स चैंबर’ का भव्य उद्घाटन माननीय अतिथियों के करकमलों से किया जाएगा। इसके साथ ही एक स्मारिका का विमोचन भी होगा, जिसमें संघ की 75 वर्ष की यात्रा, उपलब्धियाँ, व अधिवक्ताओं के योगदान का विस्तृत विवरण संकलित किया गया है। समारोह के दौरान पिछले 50 वर्षों से अधिक समय से न्यायालय में सतत प्रैक्टिस कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ताओं का सम्मान भी किया जाएगा।
समारोह की तैयारियों को लेकर गुरुवार को आयोजित प्रेस वार्ता में संघ अध्यक्ष अशोक वर्मा ने बताया कि यह आयोजन देवास के लिए गौरवपूर्ण क्षण लेकर आएगा। उन्होंने कहा “देवास जैसे शहर में पहली बार सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीशगण एक ही मंच पर एकत्रित होंगे। यह न केवल अभिभाषक संघ के लिए, बल्कि पूरे जिले के लिए गर्व का विषय है।” संघ अध्यक्ष के साथ कार्यकारिणी सदस्यगण अतुल पंड्या, पंकज पंड्या, गीता शर्मा, श्वेतांक शुक्ला एवं दीपेंद्र तोमर भी उपस्थित रहे।
उन्होंने बताया कि इस आयोजन में जिले के सभी प्रशासनिक अधिकारीगण, न्यायाधीशगण, वरिष्ठ अधिवक्ता, गणमान्य नागरिक एवं मीडिया प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। 75 वर्ष की इस गौरवगाथा में देवास अभिभाषक संघ ने न्याय व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्लेटिनम जुबली समारोह न केवल अतीत की उपलब्धियों का उत्सव होगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का भी स्रोत बनेगा।

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