समय पर पहुंचिए श्रीमान,,,,,,,
एक दिन रेलवे प्लेटफार्म पर स्वागत करने वालों की भीड़ लगी थी। ढोल नगाड़े के साथ मिठाई लेकर लोग खड़े थे ।कारण था गाड़ी ठीक समय पर आ रहीथी। जैसे ही गाड़ी रेलवे प्लेटफार्म पर पहुंची इंजन के ड्राइवर के गले में हार डालकर उसके मुंह में मिठाई खिलाना शुरू कर दिया वह बोल पाता इसके पहले उसका मुंह मिठाई से भर दिया। जब उसने मिठाई खाकर मुंह खोला और बोला की गाड़ी 24 घंटे लेट आ रही है, तब लोग सन्नाटे में आ गए।
ऐसा हर जगह होता है कोई समय पर नहीं पहुंचता और सभी एक दूसरे को समय पर पहुंचने की चेतावनी देते रहते हैं।
ज्यादा कुछ कहो तो बोलते हैं भारतीय परंपरा है चलेगा या इंडियन टाइम है चलेगा ,ऐसा बोलकर हंस देते हैं।
ऑफिस में कर्मचारी समय पर नहीं पहुंचते। किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में अतिथि समय पर नहीं पहुंचते। स्थिति तब नाजुक हो जाती है जब कार्यक्रम जिनके लिए आयोजित हुआ वह सब आ जाते हैं लेकिन अतिथि नहीं आ पाते। संचालक को किसी तरह लोगों को समझाना पड़ता है लेकिन बात बनती नहीं।
यही नहीं आजकल शादियों में भी प्रीति भोज के समय स्टेज खाली रखना है लोग खाना खाते रहते हैं। कारण यह होता है कि दूल्हा दुल्हन ब्यूटी पार्लर से समय पर नहीं आ पाते और लोग लिफाफे और गिफ्ट परिचित को देखकर चले जाते हैं।
समय की कद्र कोई नहीं कर रहा।
भारतीय समाज में लेट आने वालों की लंबी लिस्ट है,, जैसे बस और ट्रेन का लेट होना, नेताजी का सार्वजनिक कार्यक्रम में लेट पहुंचना, कर्मचारियों का ऑफिस में लेट पहुंचना, । अच्छी बातें लोगों तक लेट पहुंचती है कभी-कभी तो बिल्कुल ही नहीं पहुंचती। यह क्यों है इसका ठीक-ठाक कारण तो पता नहीं लेकिन लेट होना हमारी परंपरा बनती चली जा रही है। लेट होना तब घातक हो जाता है जब कोई डॉक्टर समय पर नहीं पहुंचता,। जब टीचर क्लास में नहीं पहुंचता विद्यार्थी इंतजार करते रहते हैं, ऐसी स्थिति में आने वाले भविष्य का नुकसान होता है।
समय का मान कीजिए समय आपका सम्मान करेगा यह शाश्वत सत्य है।
महेश सोनी
राज्यपाल पुरस्कार प्राप्त शिक्षक एवं स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर नगर निगम प्रधानाध्यापक शासकीय माध्यमिक विद्यालय महाकाल कॉलोनी देवास

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