अल्पविराम” कार्यक्रम सम्पन्न, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने आत्मचिंतन और आनंद का अनुभव किया
देवास। जिले विकासखंड कन्नौद में राज्य आनंद संस्थान भोपाल, मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद, एवं जिला कलेक्टर श्री ऋतुराज सिंह तथा जिला पंचायत देवास की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री ज्योति शर्मा के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में जनपद पंचायत कन्नौद में “अल्पविराम परिचय कार्यक्रम” का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विकासखंड स्तर के विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। इस अवसर पर राज्य आनंदम संस्था देवास से इंदौर–उज्जैन संभाग की समन्वयक प्रो. डॉ. समीरा नईम, जिला समन्वयक मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद श्री सचिन शिम्पी, मास्टर ट्रेनर सफिया कुरैशी, कृपाली राणा, अनिल शर्मा, तथा दिलीप बोहरे ने मार्गदर्शन प्रदान किया। कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आत्मचिंतन, सकारात्मक सोच, जीवन में आनंद के महत्व तथा कार्यस्थल पर प्रसन्न वातावरण निर्माण के संबंध में विभिन्न प्रेरक सत्रों के माध्यम से जागरूक किया गया। राज्य आनंद संस्थान के प्रशिक्षकों द्वारा समूह परिचय, आत्म-अवलोकन, ध्यान, संवाद एवं अनुभव साझा जैसी गतिविधियाँ आयोजित की गईं, जिनसे प्रतिभागियों ने आत्मिक शांति, संतुलन और नई ऊर्जा का अनुभव किया। इस आयोजन में राजस्व, शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस, महिला एवं बाल विकास, पंचायत तथा ग्रामीण विकास सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी सम्मिलित हुए। सभी प्रतिभागियों ने इस कार्यक्रम को अत्यंत उपयोगी, प्रेरणादायी एवं आत्म-विकास के लिए लाभकारी बताया। जिला आनंदम प्रभारी प्रो. समीरा नईम ने अपने वक्तव्य में कहा कि “अल्पविराम” कार्यक्रम शासकीय सेवाओं में कार्यरत कर्मचारियों को आत्मचिंतन का अवसर प्रदान करता है, जिससे उनमें कार्य के प्रति नई ऊर्जा, सकारात्मक दृष्टिकोण और आनंद की भावना विकसित होती है।” कार्यक्रम का संचालन ब्लॉक समन्वयक नीरज द्विवेदी ने किया तथा आभार प्रदर्शन श्री संतोष जाट द्वारा किया गया। इस अवसर पर नवांकुर संस्था से अतुल गुप्ता, हरिओम झरेड़ा, टीना गुप्ता, परामर्शदाता सुधीर सोमानी, मंगलेश बैरागी, शोभा जोशी, सीएमसी एलडीपी छात्र अक्षत तापड़िया, पूजा मोरी, बबीता चौहान एवं अन्य आनंदम सहयोगियों की सक्रिय भूमिका रही। कार्यक्रम के समापन पर सभी प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए। वन विभाग से श्री जे. एन. बछानिया ने कहा कि “हम अपने कार्यों में आने वाली चुनौतियों को स्वीकार करते हुए कार्य करते हैं। यह कार्यक्रम हमें यह समझने में मदद करता है कि हम अपने कार्य को किस प्रकार सरल, सहज और तनावमुक्त बना सकते हैं।” इसी प्रकार अखिलेश पंचोली ने कहा कि “यदि हम कार्यों को समय पर पूरा करें और टालमटोल की प्रवृत्ति को दूर करें, तो हमारा कार्य आसान और आनंददायी हो सकता है।
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