अमलतास हॉस्पिटल में नया कीर्तिमान — दो दुर्लभ कैंसर की एक साथ सफल व्हिपल सर्जरी,,
सम्भवतः विश्व का पहला केस
जीवन का नया अध्याय शुरू करने की खुशी में केक काटकर जश्न मनाया
देवास: अमलतास हॉस्पिटल में चिकित्सा इतिहास रचते हुए 80 वर्षीय मरीज की एक अत्यंत दुर्लभ और जटिल व्हिपल सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। इस मरीज में एक साथ दो अलग-अलग प्रकार के कैंसर — पैंक्रियाटिक एडेनोकार्सिनोमा और एम्पुला ऑफ वेटर एडेनोकार्सिनोमा पाए गए।
दुनिया भर में एम्पुलरी कैंसर की घटनाएँ लगभग 1% ही होती हैं, और दोनों कैंसर का एक ही मरीज में एक साथ पाया जाना चिकित्सा जगत में अत्यंत दुर्लभ है — सम्भवतः यह विश्व का पहला ऐसा केस है।
मरीज को पिछले छह महीनों से पेट में दर्द, भूख कम लगना और वजन में लगातार कमी की शिकायत थी। जाँचों में एमआरआई में डबल डक्ट साइन पाया गया, जिससे कैंसर की संभावना स्पष्ट हुई।
गैस्ट्रो सर्जन डॉ. राघवेन्द्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में सर्जरी टीम ने यह चुनौतीपूर्ण व्हिपल सर्जरी 8 घंटे में सफलतापूर्वक पूरी की। इस सर्जरी में शरीर की मुख्य रक्त वाहिकाओं — एब्डॉमिनल एओर्टा, पोर्टल वेन, सुपीरियर मेसेंट्रिक वेन और इन्फेरियर वेना कावा — के पास से ट्यूमर को सुरक्षित रूप से निकालना पड़ा, जो तकनीकी दृष्टि से अत्यंत कठिन प्रक्रिया है।
सर्जरी के दौरान तीन नए निर्माण किए गए:
1. पैंक्रियाटिक जेजुनोस्टोमी — पैंक्रियाज से रस के प्रवाह के लिए
2. हेपेटिक जेजुनोस्टोमी — पित्त के निकास के लिए
सर्जरी टीम में मुख्य गैस्ट्रो सर्जन डॉ. राघवेन्द्र प्रताप सिंह, सहायक सर्जन डॉ. लाविना, डॉ. एकांश, डॉ. अर्पिता, शेखर पटेल, तथा एनेस्थीसिया टीम से डॉ. प्रेम कृष्णन, डॉ. फैज़ल ,डॉ. देवेश,डॉ. नियति , डॉ. बिंदिया और अन्य सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
बायोप्सी रिपोर्ट में दोनों कैंसर की पुष्टि हुई, और सभी मार्जिन ट्यूमर-फ्री पाए गए — अर्थात अब मरीज पूरी तरह कैंसर-मुक्त है।
डॉ. राघवेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा इसे यादगार दिन बताते हुवे बताया की आज हमारे व्हिपल सर्जरी के मरीज — 80 वर्ष के एक बुज़ुर्ग सज्जन, जिन्हें ड्यूल कैंसर (पैंक्रियाटिक एडेनोकार्सिनोमा और एम्पुला ऑफ वेटर एडेनोकार्सिनोमा) था — को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया। अपने 80वें वर्ष में, उन्होंने पहली बार केक काटा — क्योंकि अब वे कैंसर मुक्त हैं और बायोप्सी रिपोर्ट में सभी मार्जिन ट्यूमर-फ्री आए हैं। केक काटते समय उनकी आँखों में आँसू थे — भावनाओं से भरा हुआ वह पल हमारे लिए भी बेहद खास था।मैं पूरी AIMS सर्जिकल और एनेस्थीसिया टीम का दिल से आभारी हूँ, जिनकी मेहनत और उत्कृष्ट टीमवर्क से यह जटिल सर्जरी सफल हुई।
साथ ही मैं भगवान, अपने परिवार, और पीजीआई व अमलतास के शिक्षकों व मार्गदर्शकों का भी आभार व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने मुझे ऐसा प्रशिक्षण दिया कि मैं लोगों की जान बचाने के इस कार्य में अपना योगदान दे सकूँ।
सर्जरी के बाद स्वस्थ होकर मरीज ने आहार लेना शुरू कर दिया और अस्पताल से डिस्चार्ज के दिन जीवन का नया अध्याय शुरू करने की खुशी में केक काटकर जश्न मनाया गया।
अमलतास सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के चेयरमैन श्री मयंक राज सिंह भदौरिया जी द्वारा बताया गया की अमलतास हॉस्पिटल की यह सफलता न केवल टीम की कुशलता और समर्पण का प्रतीक है, बल्कि चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर भी है।

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