ईपीएस 1995 सेवा निवृत्ति पेंशनरों का राष्ट्रीय जन आक्रोश आंदोलन संपन्न
देवास। राष्ट्रीय समन्वय समिति के नेतृत्व में ईपीएस 1965 औद्योगिक पेंशनरों का दो दिवसीय राष्ट्रीय जन आक्रोश आंदोलन जंतर मंतर नई दिल्ली पर रखा गया था। देश के लगभग 18 राज्यों के प्रतिनिधि इस अवसर पर उपस्थित हुए। आंदोलन में केन्द्रीय श्रम मंत्री के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे, राष्ट्रीय अध्यक्ष भीमराव डोंगरे, महासचिव प्रकाश पाठक, विधि सलाहकार श्री झोडे, प्रकाश येंडे, गुरूमुखसिंह नई दिल्ली, एम ब्रह्मा उडिसा, रामेश्वर शर्मा राजस्थान, हरिगोविंद शर्मा हरियाणा, म.प्र. से शशिकांत वझे, गिरधर शर्मा, गौरीशंकर चौबे, संतोष त्रिवेदी, मोहनलाल त्रिवारी, शैलेन्द्र चौधरी, पद्माकर जोशी व अनेक पदाधिकारियों ने आंदोलन में शामिल होकर अपने विचार रखे। राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री डोंगरे ने बताया कि विगत 12 वर्षो से हमारा आंदोलन चल रहा है परंतु केन्द्र सरकार और ईपीएफओ की हटधर्मी के कारण हमारी पेेंशन रूकी हुई है। आज जेलों में बंद चोर , लुटेरे, आतंकवादी को सरकार फ्री में 136 रू प्रतिदिन भत्ता दे रही है, सांसदों को 50 हजार रूपये पेंशन, किसानों को 6 हजार रूपये पेंशन दी जा रही है जबकि उनका कोई फंड जमा नहीं है। जबकि हमारा 5 लाख करोड व 42 हजार करोड लावारिस ईपीएफओ के पास पड़ा हुआ है। इसके बावजूद भी हमें 12 वर्षो से अधर में लटका रखा है। हमने इस देश के उद्योगों केे मालिकों को महासत्ता बनाया, हमने केन्द्र सरकार राज्य सरकारों को समर्थन दिया। देश के कई सांसदों ने लोक सभा व राज्यसभा में प्रश्न उठाया, सुप्रीम कोर्ट के द्वारा भी कहा गया कि नियमानुसार 9 हजार रूपये साथ में डीए पेंशन पाने के हकदार हैं परंतु फिर भी केन्द्र सरकार आंख मूंद कर बैठी हैं । संसद में प्रतिवर्ष हजारों छोेटे बड़े बिलों को मंजूूरी दी गई लेकिन हमारी कोशियारी कमेटी रिपोर्ट नं 147 पेंशन बढोतरी बिल पास नहीं किया गया यह खेद की बात है। अतः जन आक्रोश आंदोलन में हमारी ओर से प्रस्ताव सरकार को भेजे गए। 35 वर्षो तक लगातार सेवा देने वाले श्रमिकों कोे ईपीएस 1995 पेंशन की लाई गई स्कीम पर पुर्नविचार किया जाए। भगतसिह कोशियारी कमेटी शीघ्र लागू की जाए। केन्द्र सरकार व राज्य सरकारों द्वारा ईपीएस 1995 पेंशनरों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ दिया जाए। हजार रूपये न्यूूनतम पेंशन बहाल कर 9 हजार प्लस डीए का प्रावधान शीघ्र लागू हो। 10 (2) का लाभ 10 वर्ष की सेवा पूर्ण किए हुए कर्मचारियों को पूरी सेवा का लाभ दिया जाए। ईपीएस 1995 को पेंशनरों की जन्म तारीख गलती से गलत अंकित हो गई उसे तुरंत सुधारा जाना चाहिए। सी बी टी की बैैठक में सदस्यता के रूप में पंजीकृत समन्वय समिति के दो मेम्बरों को नियुक्त किया जाना चाहिए। उपर्युक्त सभी प्रस्ताव सरकार को भेजे गए। सरकार से आग्रह किया गया कि समिति को तुरंत चर्चा के लिए बुलाया जाए। केन्द्रीय श्रम मंत्री भूपेन्द्र यादव व प्रधानमंत्री को उनके प्रतिनिधि के द्वारा प्रस्ताव भेजे गए हैं। प्रतिनिधि ने आश्वासन दिया कि दो माह के अंदर निर्णय लिया जाएगा।
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