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शिक्षा साक्षरता के लिए नहीं जीवन की समग्रता के लिए हैबचपन में मैं स्कूल जाता नहीं, ले जाया जाता था - हिमांशु प्रजापतिजय हिन्द सखी मंडल ने लिया जिलापंचायत सीईओ का साक्षात्कार

शिक्षा साक्षरता के लिए नहीं जीवन की समग्रता के लिए है
बचपन में मैं स्कूल जाता नहीं, ले जाया जाता था - हिमांशु प्रजापति
जय हिन्द सखी मंडल ने लिया जिलापंचायत सीईओ का साक्षात्कार
देवास। जय हिन्द सखी मंडल की छात्राओं द्वारा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हिमांशुु प्रजापति जो कि एक आय.आय.टियन तथा आय.ए.एस. अधिकारी है का एक साक्षात्कार कार्यक्रम महारानी चिमनाबाई शा.क.उ.मा.वि. देवास में आयोजित किया गया। छात्रा तनुश्री विश्वकर्मा द्वारा पहली बार स्कूल जाने संबंधी प्रश्न पूछने के उत्तर में श्री प्रजापति ने कहा कि शुरू में मेरी स्कूूल जाने की इच्छा बिलकुल भी नहीं होती थी। पर मेरा कोई बहाना नहीं चल पाता था। संयुक्त परिवार होने से बड़े भाई बहन शुुरू शुरू में मुझे बहला फुसला कर थोड़ा लालच देकर कैसे भी अपने साथ स्कूल ले जाते। वे सब भी उसी स्कूल में पढ़तेे थे। अतः स्कूल से बचने का मेरे पास कोई रास्ता नहीं था। फिर भी बचपन में मैं स्कूल जाता नहीं, ले जाया जाता था। कुमकुम नागर द्वारा बचपन की शरारतों के संबंध में पूूछे गये प्रश्न के उत्तर में सीईओ ने कहा कि वह बचपन ही क्या जो शरारतों से भरा न हो। मेरा मानना है कि शरारती बच्चे का मस्तिष्क सामान्य बच्चों की तुलना में अधिक सक्रिय होता है। खुशी पारोचे द्वारा विषय चयन पूछने पर प्रजापति ने कहा कि दसवीं कक्षा के बाद यह समस्या अधिकांश बच्चों के सामने आती है। प्रत्येक विषय की जानकारी लीजिए। जो आपको जमे वही विषय लीजिए सुनिए सबकी करिए मन की। रोजा पठान द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में कहा कि मैं न तो लिख लिख कर याद करता न रटकर। मैं विषय वस्तु को ध्यान पूर्वक पढ़कर समझता था। शबाना शाह द्वारा आय.आय.टी. में चयन के बारे में पूछने पर कहा कि आई.आई.टी. के लिए कोई शार्ट कट नहीं है। आई.आई.टी. में चयन के लिए विषय की गहराई में जाना होता हैं आई.आई.टी. में चयन हेतुु विद्यार्थियों केे लिए पढ़ाई ही कर्म और पढ़ाई ही धर्म है। अनुष्का शर्मा द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में कहा कि यू पी एस सी का सिलेबस विस्तृत होता है। करंट अफेयर्स प्रतिदिन बढ़ते जाते हैं। यू पी एस सी आपके धैर्य की परीक्षा है। प्री से मेन्स तक कूल माईंड से विषयों की तपस्या करना होती है। इंटरव्यू में व्यक्तित्व का परीक्षण किया जाता है। माधवी जोथे द्वारा पूछे प्रश्न के उत्तर में कहा कि व्यक्ति को कभी पद का अहंकार नहीं करना चाहिए। कल आपको आपसे भी अधिक योग्य व्यक्ति मिल सकता है। व्यक्ति को परिस्थिति अनुसार व्यवहार करना चाहिए। शालीनता मनुष्य का आभूषण होता है। पायल यादव, अंजली गोस्वामी और हर्षिता कुमावत के प्रश्नों के उत्तर में कहा कि मैं फिट रहने के लिए प्रतिदिन लगभग एक घंटे तक कोई खेल खेलता हूं। फिट रहना बहुत आवश्यक है। आफिस का सारा कार्य प्लानिंग से करने पर हम परिवार के लिए समय निकाल लेते हैं। लक्ष्य प्राप्त करना हो तो प्रत्येक कार्य योजनाबद्ध तरीके से पूर्ण एकाग्रता के साथ करना चाहिए। छात्राओं के लिए संदेश देते हुए कहा कि शिक्षा साक्षरता के लिए नहीं जीवन की समग्रता के लिए है। आपकी प्रतिभा बहुमुखी होना चाहिए। ज्ञान कोरा नहीं कौशल युक्त होना चाहिए। रोजगार तो द्वितीयक है, प्राथमिकता तो स्वयं को योग्य बनाना है। कार्यक्रम में दीपक प्रज्ज्वलन श्लोक महक मालवीय ने प्रस्तुत किया। अतिथि स्वागत डॉ. विनिता शर्मा ने किया। व्यवस्था सहयोग लक्ष्मी बाली, खुशी परिहार, पायल बोडाना, आंचल श्रीवास, गरीबा नाज मंसूरी, हितेन्द्र यादव ने किया। संकल्पना रविन्द्र वर्मा, इमदाद शेख और संजय जोशी की थी। मार्गदर्शन प्राचार्य रूचि व्यास का था। सरस्वती वंदना अंजली राणे द्वारा प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम में हाई स्कूल पटलावदा, हाई स्कूल कानकुंड, सेनथाम एकेडमी, कर्मदीप उ.मा.वि., शिशु विहार उ.मा.वि., म.राधाबाई, उत्कृष्ट विद्यालय और म. चिमनाबाई स्कूल की छात्राओं ने सहभागिता की।  स्वागत भाषण नीलम पटेरिया ने दिया। इस अवसर पर दीपक यादव, अनिल पंडित, मीनल राज भदोरिया और एन.सी.सी. कैडेट सहित बड़ी संख्या में शिक्षक और छात्राएं उपस्थित थे। जय हिन्द सखी मंडल के उद्देश्य स्नेहा ठाकुर ने प्रस्तुत किए। अतिथि परिचय तनुश्री विश्वकर्मा ने दिया। संचालन शबाना शाह ने किया और आभार पायल जैन ने व्यक्त किया।

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