गुरु के बिना मानव की मुक्ति नहीं,, महंत जी
स्वामी रामचरण जी महाराज की 305 वी जयंती मनाई गई
देवास।गुरु के बिना मानव की मुक्ति नहीं होती। जिस प्रकार नाविक के बिना नाव अपने गंतव्य को नहीं पहुंचती, उसी प्रकार गुरु ज्ञान के बिना मनुष्य भवसागर के पार नहीं हो पाता।यह विचार रामद्वारा में रामस्नेही संप्रदाय प्रवर्तक1008 स्वामी रामचरणजी महाराज की 305 वी जयंती समारोह पर महंत स्वामी रामनारायण जी महाराज ने प्रकट किए।उन्होंने कहा कि जीवन में नियम,संयम और अनुशासन बहुत जरूरी है। स्वामी रामचरण जी महाराज की अनुभव वाणी के अनेक श्लोक का सविस्तार वर्णन किया। व्यक्ति को अपने करते हुए के साथ-साथ सद्गुरु के द्वारा बताए गए उपदेशों को भी पालन करना चाहिए। कभी भी विकट परिस्थिति में सतगुरु के बताएं मार्ग से विमुख नहीं होना चाहिए। भक्त को कितने संकट आए लेकिन उस पर सतगुरु का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है और वह उन संकटों से पार हो जाता है।प्रातः काल संत राम सुमिरन जी ने गुरु वाणी का पाठ किया। बाल संत पुनीत राम जी ने अपनी मधुर आवाज में निर्गुणी भजन सुना कर भक्तों को भाव विभोर कर दिया। रामस्नेही सत्संग मंडल की महिलाओं ने भी भजन कीर्तन किए। दोपहर 12:15 बजे समय रामचरण जी महाराज की मां आरती की गई। सभी को प्रसाद एवं राम नाम की पुस्तिका वितरित की गई।
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